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एचीवर्स

मिलिए पॉटरी आर्टिस्ट रेशमा दत्ता से, जिन्होंने गांव की महिलाओं को दिया जीविका का ‘आधार’, समझा उन्हें ही परिवार

मुमकिन है कि आपको शाह रुख की फिल्म ‘स्वदेस’ का किरदार मोहन भार्गव याद आ जाए , क्योंकि संदर्भ ही कुछ ऐसा है। लेकिन यह कहानी बिल्कुल फिल्मी नहीं है, बल्कि सच्ची है। आर्टिस्ट रेशमा दत्ता, झारखंड के बुंडू इलाके से ताल्लुक रखने वालीं एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने गांव की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपनी कला से उन्होंने एक ऐसा आधार बनाया कि आज वहां की महिलाएं रोजगार के अवसर तलाशने की मोहताज नहीं हैं। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से।

अनुप्रिया वर्मा | मार्च 17, 2024
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एचीवर्स

मिलिए महिला आईएएस ऑफिसर और जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह से, जिन्होंने मंडला की महिलाओं को दिलायी ‘ निरक्षरता से आजादी’

मध्य प्रदेश के बेहद पिछड़े इलाके मंडला में महिलाओं को फंक्शनल साक्षरता में 100 प्रतिशत तक पहुंचाने वाली आईएएस ऑफिसर एवं जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह लगातार महिलाओं को साक्षर बनाने के मिशन पर काम कर रही हैं, ताकि महिलाएं अपना नाम लिख सकें, बैंक से जुड़े कामों को पूरा कर पाए, अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सक्षम बन पाएं और अपने इस प्रयास में वह सफल भी रही हैं, यही नहीं मध्य-प्रदेश के ही तिकमगढ़ इलाके में भी उन्होंने इस मिशन को अंजाम दिया है, आइए जानें उनके इस प्रेरणा से भरपूर कदम के बारे में विस्तार से।

अनुप्रिया वर्मा | जुलाई 10, 2024
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‘भारत में करोड़ों बच्चे हैं अनाथ’, सेशन कोर्ट ने दिया बेबी एडॉप्शन के प्रोसेस को आसान करने का आदेश

  बच्चा गोद लेना एक आसान प्रक्रिया नहीं है, यह एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, जिसे निभाने के लिए पहले एक माता-पिता को मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए और फिर दिल से बच्चे को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। लेकिन खुद को तैयार करने के बाद, जब व्यवहारिक रूप से बच्चे को गोद लेने की बात आती है, फिर एक लंबी प्रक्रिया से जूझना पड़ता है गोद लेने वाले माता-पिता को। लेकिन अब सेशन कोर्ट ने इस बात को समझा है और बेबी एडॉप्शन यानी बच्चे गोद लेने की प्रक्रिया को आसान करने का आदेश दिया है और इस साल अक्टूबर महीने तक इस पर सुनवाई होने वाली है। जानिए क्या है पूरी खबर।

टीम Her Circle | सितंबर 04, 2022
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एचीवर्स

मेरी जिंदगी की असली आमदनी यही है कि मेरी मेहनत से मैंने मेरे परिवार की जीविका कमायी : उर्मिला जमनादास असर

रिटायरमेंट हो गयी, अब बस और क्या आराम करना है, अब तो सब कुछ देख लिया है, अब बस आराम कीजिए। दिन काटने के लिए बागवानी क्यों नहीं कर लेती हैं, पोतों और नाती के साथ खेलिए, एक उम्र के बाद ये सारी नसीहतें देने वालों को एक बार उर्मिला जमनादास असर उर्फ गुज्जू बहन की जिंदगी से जरूर वाकिफ होने की कोशिश करनी चाहिए, जिन्होंने अपनी जिंदगी की ‘नयी शुरुआत’ की है, वह भी 77 वर्ष की उम्र में। हाल ही में वह टीवी शो मास्टर शेफ में भी नजर आयीं। उन्होंने अपने इस सफर के बारे में Her Circle से खास बातचीत की है, पेश है उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश।

अनुप्रिया वर्मा | जुलाई 14, 2023
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आईआईटी, एनआईटी और अन्य विश्वविद्यालयों में एसटीईएम कोर्स के लिए बढ़ी महिआलों की रुचि - सरकारी आंकड़े

नए सरकारी आंकड़ों के अनुसार विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित यानी एसटीईएम (STEM) कोर्सेस का अध्ययन करने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी दिखाई दी। शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में बी.टेक प्रोग्राम में महिला छात्रों का नामांकन 2016 में आठ प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 20 प्रतिशत हो गया है। यही बदलाव नेशनल  इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में भी देखा गया है।

टीम Her Circle | दिसंबर 17, 2022
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भारत के 81 प्रतिशत जिलों में केवल 50 प्रतिशत ही पहुंचती है प्रसवपूर्ण देखभाल सेवा (एएनसी) : राज्य एवं जिला स्तरीय विश्लेषण आंकड़े

एएनसी की उपस्थिति स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की शुरुआती पहचान में महत्वपूर्ण है, जो गर्भावस्था के नकारात्मक परिणामों को जन्म दे सकती हैं और उन्हें प्रबंधित करने और आगे की जटिलताओं को रोकने की दिशा में काम कर सकती हैं। इन सत्रों के दौरान, महिलाओं को गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं जैसे एनीमिया, प्रीक्लेम्पसिया, यौन संचारित रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, आदि की जांच की जाती है और इन स्थितियों का उचित प्रबंधन किया जाता है। इन सत्रों के दौरान, वजन की निगरानी, ​​टेटनस टॉक्सोइड टीकाकरण, और आयरन और फोलिक एसिड, कैल्शियम और एल्बेंडाजोल जैसे पूरक जैसी अतिरिक्त सेवाएं दी जाती हैं ।

टीम Her Circle | नवंबर 01, 2022
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दिल्ली में 88 प्रतिशत महिला यात्री होती हैं यौन उत्पीड़न की शिकार, महज 1 फीसदी ही करती हैं शिकायत दर्ज

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर सफर करने वाली और शहरी इलाकों में 88 प्रतिशत महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकार हो जाती हैं, जबकि केवल एक फीसदी ही महिलाओं की शिकायत पुलिस तक पहुंच पाती हैं और शहरी इलाकों में 88 प्रतिशत महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकार होती ही हैं, जबकि केवल एक फीसदी ही हिम्मत जुटा कर, पुलिस से इसकी शिकायत कर पाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चेन्नई में आधी से ज्यादा महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं और इनमें से केवल 6 फीसदी ही केस दर्ज करवाती हैं। वहीं पुणे जैसे शहर की बात करूं तो 63 प्रतिशत महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है, जबकि 12 फीसदी महिलाएं ही आपबीती की शिकायत करने का साहस जुटा पाती हैं।

टीम Her Circle | अक्टूबर 31, 2022
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सिर्फ सोना ही नहीं, इस धनतेरस म्यूचुअल फंड, इक्विटी और बैंक एफडी में भी निवेश होगा लाभदायक, जानिए सारे विकल्प

सोना एक ऐसी संपत्ति है, जिसे किसी भी अन्य संपत्ति की तुलना में बहुत तेजी से नकदी में बदला जा सकता है, चाहे वह बैंक डिपोजिट( जमा), इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड या कोई अन्य बचत योजना हो। लेकिन, इसके अलावा, निवेश के लिए अगर विकल्पों की बात की जाए, तो बेहद जरूरी है कि अच्छी जानकारी हो। ऐसे में  निवेश और शेयर बाजार की दुनिया में पिछले 8 सालों से अनुभवी शिखा श्रीवास्तव से हमने बातचीत की  है, जिन्होंने महिलाओं को इस धनतेरस में सोना खरीदने के अलावा कुछ नए विकल्प भी सुझाए हैं, जो आपके बेहद काम आ सकते हैं, तो आइए जानें विस्तार से।

टीम Her Circle | नवंबर 10, 2023
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मुद्रास्फीति पुरुषों की तुलना में महिलाओं को करती है अधिक प्रभावित, कुछ ठोस प्रयासों से मिल सकती है मदद :रिपोर्ट

वैश्विक मुद्रास्फीति संकट सभी को प्रभावित करता है, लेकिन महिलाएं और लड़कियां इससे असमान रूप से प्रभावित होती हैं। रिपोर्ट पर गौर करें, तो पिछले दो वर्षों में, महिलाओं के लिए उत्पादों की कीमतें पुरुषों की तुलना में और भी तेजी से बढ़ी हैं। उदाहरण के लिए, ब्रिटेन में, महिलाओं के औपचारिक जूतों की कीमत में वर्ष 2021 में 75% की वृद्धि देखी गई है, जबकि पुरुषों के लिए केवल 14% की वृद्धि हुई है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में इलेक्ट्रिक रेजर, टी-शर्ट, जींस और यहां तक ​​​​कि हेयरकट लेने के चार्ज के मामले में भी यही असमानता दिखाई देती है।

टीम Her Circle | अक्टूबर 20, 2022
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राजस्थान के नागौर जिले में जेल के अंदर ही महिला कैदियों को मुहैया कराई जाएगी शिक्षा

महिला और बाल विकास विभाग की ओर से महिला कैदियों को शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। एक कार्यक्रम के दौरान इस बारे में जानकारी दी गई है कि जेल में बंद महिलाओं के लिए कुछ उचित कदम उठाये जायेंगे। गौरतलब है कि जिला कारागृह में मौजूद महिला कैदियों के मानसिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। निर्णय लिया गया है कि महिला कैदियों को कक्षा 10 वीं और 12 वीं की पढ़ाई के लिए जेल में रहते हुए ही प्रेरित किया जाएगा और उन्हें जरूरी किताब और कॉपियां उपलब्ध करा दी जाएंगी

टीम Her Circle | अक्टूबर 07, 2022
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Durga Puja Special : मिलिए इन जांबाज महिला पुलिस से, जो रात में भी हैं हमारी ‘सुरक्षा की पहरेदार’

मुंबई लोकल में घूमते हुए या देर रात लौटते हुए कभी किसी तरह का डर महसूस नहीं किया है, क्योंकि इस बात का इल्म बखूबी होता है कि हमारी सुरक्षा के लिए हरदम पुलिस तैनात हैं, खासतौर से महिला पुलिस तो खासतौर से लड़कियों की सुरक्षा के लिए तैनात रहती हैं। रुआबदार आवाज और वर्दी के पीछे हर दिन वह चुनौतियों का सामना करती हैं, इस बारे में शायद ही हमने कभी अनुमान लगाया हो, लेकिन यह हकीकत है कि अपने फर्ज के लिए वह काफी समझौते भी करती हैं। तो आखिर रात के अंधेरे में किस तरह के जोखिम का सामना करती हैं महिला पुलिस और इसके बावजूद वह किस तरह अपने काम को एन्जॉय करती हैं। हमने महिला पुलिस से बातचीत कर, यह जानने की कोशिश की है।

अनुप्रिया वर्मा | अक्टूबर 11, 2024
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उत्तर पश्चिम रेलवे में शामिल हुईं 40 महिला सहायक लोको पायलट

अमूमन, जब भी किसी भी तरह की ड्राइविंग की बात आती है, तो दिमाग में पहले यही बात आती है कि चलाने वाला हो, वाली नहीं। कई बार लोगों को फ्लाइट में भी मजाक बनाते सुना है, अगर उन्हें पता चलता कि उस दिन की फ्लाइट में दो महिलाएं पायलट हैं। वह आपस में बात करते नजर आते हैं कि सेफ लैंड हो जाये बस, क्योंकि यह सोच है कि महिलाएं इस काम में पुरुषों की तुलना में कम होती हैं। लेकिन लगातार इस क्षेत्र में, महिलाओं ने कदम रखे हैं और इसी क्रम में लोको पायलट के रूप में भी महिलाओं की संख्या पहले की तुलना में बढ़ रही है और उनके इस कदम में साथ दे रहा है, उत्तर पश्चिम रेलवे।

टीम Her Circle | सितंबर 09, 2022
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एचीवर्स

'आदिवासी विद्यापीठ' में मजदूरों और गरीबों के बच्चों को 'शिक्षा का हक' दिला रही हैं राधा तिर्की

झारखंड के लोहरदगा के सेन्हा गांव में है भड़गांव बेड़ाटोली। मुमकिन हो कि शायद ही आप इसे भारत के नक्शे में ढूंढ पाएं, फिर इसी तलाश की वजह भी क्या हो, आपके जेहन में यह बात आ सकती है। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि इस गांव में एक ऐसा स्कूल है, जहां भविष्य के सुनहरे सपने पूरे होने की बुनियाद रखी जा रही है, तो आपकी दिलचस्पी शायद बढ़े, जी हां, ‘आदिवासी विद्यापीठ’ एक ऐसा स्कूल है, जहां आर्थिक रूप से असमर्थ मजदूर वर्ग, घरों में झाड़ू-पोंछा करने वाली महिलाओं के बच्चे और ऐसे ही वर्ग से ताल्लुक रखने वाले कई बच्चों को नि : शुल्क शिक्षा दी जा रही है और शिक्षा की ज्योत जलाने का काम किया है राधा तिर्की ने, जो खुद इसी इलाके से हैं और एक सोशल वर्कर हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानें। 

अनुप्रिया वर्मा | सितंबर 05, 2023
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दिल्ली सरकार महिलाओं को बना रही है आत्म-निर्भर, डीटीसी बसों में जल्द ही होंगी 200 महिला ड्राइवर

महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने और पूरी तरह से आत्म-सम्मान के साथ जीने देने के लिए लगातार कई ठोस कदम उठाये जा रहे हैं, ऐसे में दिल्ली सरकार ने जो एक और नयी पहल की है, वह काफी सराहनीय है। जी हां, महिलाओं के लिए एक और सार्थक कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार की डीटीसी बसों में जल्द ही 200 महिला ड्राइवरों की भर्ती की योजना बनाई जा रही है। निश्चित तौर पर यह दिल्ली में यह महिला चालकों के लिए बड़ी खुशखबरी है।  इस बारे में खुद परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत ने कहा कि दिल्ली सरकार की बस चलाने वाली महिलाओं के साथ-साथ, शहर में सार्वजनिक परिवहन सुरक्षित और यात्रियों के लिए और बेहतर हो जाएगा।

टीम Her circle | अगस्त 25, 2022
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मिलिए ‘पंचरवाली’ के नाम से जानी जाने वाली ‘लक्ष्मी बानो’से, जिन्होंने दर्शाया कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता है

आप किसी हाई वे से गुजर रहे हैं और वहां आपकी गाड़ी पंचर हो जाये, तो जाहिर है कि आपकी जुबां पर यही बात आएगी कि अब ‘पंचर वाला’ को ढूंढना पड़ेगा। हमारे जेहन में कभी यह बात आ ही नहीं सकती कि ‘पंचर वाली’ को ढूंढें, क्योंकि पंचर बनाने जैसे तकनीकी काम करते हुए हम कहां सोच पाते हैं कि यह काम लड़कियां भी कर सकती हैं, लेकिन इस पूरी सोच को जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर देवथला गांव की लक्ष्मी बानो ने बदल कर रख दिया है। वह कई सालों से अपने पापा की पंचर की दुकान चला रही हैं और अपना और अपनी मां का जीवन निर्वाह कर रही हैं, आइए जानें उनके बारे में विस्तार से। 

अनुप्रिया वर्मा | अक्टूबर 31, 2024
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संघर्ष को अपनी ताकत बना ली झारखंड की फुटबॉलर लड़कियों ने, मिसाल हैं इनकी कहानी

  हर दिन महिलाओं के संघर्ष और उनके जज्बे को ऐसी मिसाल भरी कहानियां हमारे सामने आ रही हैं, जिससे हर दिन प्रेरणा मिल रही है। कुछ ऐसी ही प्रेरणा नेशनल इंटरनेशनल स्तर पर फुटबॉलर लड़कियां सामने भी आ रही हैं। जी हां, झारखंड की ऐसी कई लड़कियां हैं, जो संघर्षों से जूझते हुए भी अपने जोश को कम नहीं कर रही हैं और आज पूरे भारत और खासतौर से ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और लड़कियों के लिए एक हौसला बन रही हैं। लगातार झारखंड से ऐसी लड़कियां सामने आ रही हैं, जो फुटबॉल खेलने में माहिर हैं और कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच का हिस्सा बन रही हैं।

टीम Her Circle | अगस्त 23, 2022
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केरल की ग्रामीण महिलाएं चला रही हैं हेवी ट्रेक्टर, बना रही हैं खुद को सशक्त

अमूमन यह बातें कि महिलाएं अच्छी ड्राइवर नहीं होती हैं, ऐसी गलतफहमी लोगों के जेहन में हैं। लेकिन लगातार ऐसी महिलाएं, जिनमें जज्बा जबरदस्त है, वे ऐसे-ऐसे कारनामे कर रही हैं कि लोग उन्हें देख कर प्रेरित हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही कमाल करके दिखा रही हैं, केरल के मुलन्थुरूथी गांव में रहने वालीं महिलाओं ने। जी हां, यहां पहली बार होम मेकर होते हुए भी ट्रैक्टर चलाने की कला सीखी है। ये महिलाएं राज्य की उन महिलाओं में से एक हैं, जो ट्रैक्टर ड्राइविंग सीख रही हैं। यह केंद्र के एक महत्वकांक्षी प्रोग्राम महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना का ही हिस्सा है।

टीम हर सर्कल | अगस्त 22, 2022
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हार्मोनल असंतुलन या अनियमित पीरियड को फीमेल इम्पोटेंसी नहीं माना जा सकता: मद्रास हाई कोर्ट

मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में एक स्टेटमेंट दिया है, जिसमें कहा गया है कि हार्मोनल असंतुलन या अनियमित पीरियड (मासिक धर्म) को फीमेल इम्पोटेंसी नहीं माना जा सकता और यह नहीं कहा जा सकता कि वे सेक्स के लिए फिट नहीं है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश की भी आलोचना की, जिसमें न्यायाधीश ने महिला याचिकाकर्ता पर यह साबित करने का भार डाला था कि वह यौन संबंध बनाने और एक बच्चे को गर्भ धारण करने के लिए उपयुक्त है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग यौन संबंध बनाने के लिए फिट हैं, वे भी बच्चे पैदा नहीं कर सकती हैं।

टीम हर सर्कल | अगस्त 12, 2022