साल 2022 महिलाओं के लिए कई मायने में खास रहा, महिलाओं के हक में कई निर्णय लिए गए, तो महिला सशक्तिकरण से जुड़ी कई बेहतरीन बातें सामने आयीं। आइए एक नजर में जानते हैं महिलाओं के लिए खास मानक क्यों रहेगा वर्ष 2022 ।
विशिष्ट गरुड़ कमांडो बल में होंगी महिलाएं शामिल
जी हां, वर्ष 2022 के खत्म होने से पहले ही महिलाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई कि वायु सेना में अब महिलाओं को विशिष्ट गरुड़ कमांडो बल में शामिल होने की अनुमति मिल गई है। ऐसे में जाहिर है कि महिलाएं इस क्षेत्र में और अधिक सक्रिय होंगी और भविष्य में आगे बढ़ने की कोशिश करेंगी।
नौसेना में भी महिलाओं ने भी कमाल दिखाया
वर्ष 2022 में नौसेना के एक पूर्ण-महिला दल ने अरब सागर निगरानी मिशन को पूरा करके इतिहास रचा है और इसे भी इस साल की खास उपलब्धि के रूप में माना जाना चाहिए, क्योंकि एक बड़ी कामयाबी इस रूप में दर्शकों के सामने आई है। आने वाले समय में ऐसे और इतिहास रचने की कोशिश करेंगी।
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम बात कही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि मुस्लिमों में तलाक ए हसन के जरिए, तलाक देने की प्रथा तीन तलाक की तरह नहीं है और महिलाओं के पास भी खुला का विकल्प है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल यह बात कही कि तीन तलाक की तरह तलाक ए हसन भी तलाक देने का एक तरीका है। लेकिन इसमें तीन महीने में तीन बार एक निश्चित अंतराल के बाद, तलाक बोल कर रिश्ता खत्म किया जाता है। इस्लाम में पुरुष को तलाक और महिलाओं को खुला लेने का हक है और खुला के जरिए, वह अपने पति से अलग हो सकती है। ऐसे में न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने बात रखते हुए कहा है कि अगर पति और पत्नी एक साथ नहीं रह सकते, तो रिश्ता तोड़ने के इरादे में बदलाव न होने के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत तलाक दिया जा सकता है।
गर्भवती महिला के हक में उच्च न्यायलय ने दी अनुमति
इस साल महिलाओं के हक में एक और अहम बात यह भी हुई कि केरल उच्च न्यायालय ने कथित रूप से अपमानित करने वाले पति से अलग होने का दावा करने वाली एक महिला को उसकी 21 वीं गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी। एकल न्यायधीश न्यायमूर्ति वीजी अरुण ने यह रेखांकित भी किया है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट( एमटीपी अधिनियम) के तहत पति की सहमति लेने की जरूरत नहीं है। एमटीपी अधिनियम के तहत बनाये गए नियमों में कहा गया है कि 20 और 24 सप्ताह के गर्भ के बीच समाप्ति की अनुमति देने वाले कारकों में से एक चल रही गर्भावस्था (विधवा और तलाक) के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव है। भले ही तत्काल में गर्भवती महिला कानूनी रूप से तलाकशुदा या विधवा नहीं थीं, लेकिन कोर्ट ने उनके पति के साथ महिला के बदले हुए समीकरण की बात को समझा और उसे रेखांकित किया।
सुप्रीम कोर्ट में बढ़ी सबसे अधिक महिला जज की संख्या
इसी साल सितंबर 2022 में चार महिला न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था। सूची में जस्टिस बी वी नागरत्ना, इंदिरा बनर्जी, बेला एम त्रिवेदी और हिमा कोहली के नाम शामिल थे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में महिला जज की संख्या में इजाफा हुआ।
महिला क्रिकेटर्स को मिलेगा बराबर मेहनताना
इस साल महिला क्रिकेटर्स के हक में भी बड़ी बात सामने आयी। पुरुष क्रिकेटर्स की तरह अब उन्हें भी समान मेहनताना मिलेगा। बीसीसीआई ने यह ऐतिहासिक फैसला इसी साल लिया है। अनुबंधित महिला क्रिकेटर के लिए समान वेतन की पॉलिसी लागू कर रहे हैं। अब महिला और पुरुष दोनों क्रिकेट खिलाड़ियों को एक जैसी मैच फीस मिलेगी।
नौसेना की अब हर शाखाओं में होंगी महिलाएं
इसी साल, एक नयी घोषणा हुई है। दरअसल, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने हाल ही में यह घोषणा की है कि हमने नौसेना में पहली बार महिलाओं को शामिल किया है। अग्निवीर योजना के तहत 341 महिलाओं की नौसेना में भर्ती हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना में उपलब्ध पदों के लिए आवेदन करने वाले 10 लाख व्यक्तियों में से 82,000 महिलाएं थीं। अगले साल नौसना में निश्चित तौर पर और भी महिलाओं को शामिल किया जायेगा। गौरतलब है कि अब तक नौसेना में कुल 3 हजार अग्निवीरों को शामिल किया गया है। और इस तरह से अग्निवीरों का प्रथम बैच तैयार कर लिया गया है।