ग्रामीण महिलाओं को लगातार आगे बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास हो रहे हैं, जी हां, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और रोजगार और व्यवसाय के अवसर प्रदान करने की पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश हुई है। ऐसे में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपनी आय बढ़ाने के लिए अभिनव पहल कर रही हैं। ऐसी ही एक मिसाल कायम वनबघेड़ा के जय बुद्ध देव ग्रुप से जुड़ीं महिलाएं कर रही हैं , जिन्होंने मछली का अचार बनाने की अनूठी पहल की है और इसे आय का स्रोत बनाया है।
इस बारे में सरिता मंडावी ने इस बारे में अपनी बात रखी कि उनके जेहन में कैसे आया कि यह अचार बनाना चाहिए। पंचायत के अधिकारियों ने हमें बताया कि फल या सब्जी का अचार तो सभी बनाते हैं, आप सब कुछ नया क्यों नहीं करते। हमने सुझाव दिया कि लोग मछली खाने के शौकीन हैं और हम इसका उपयोग करके अचार बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
उन्होंने इसके बारे में भी कहा कि फिर हमने पंगेसियस प्रजाति की मछलियों का उपयोग करके मछली के अचार का उत्पादन शुरू किया। गौठान मेले में 5 हजार रुपये के मछली के अचार की बिक्री हुई। भविष्य की संभावनाओं और इसकी मांग को ध्यान में रखते हुए, मछली के अचार का नियमित उत्पादन शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा कि एक किलो मछली के अचार की कीमत 50 रुपये है। प्रशिक्षण सत्र में हमें कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और हमने किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लीक से हटकर विचारों को बढ़ावा दे रही है और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की हैं।
वाकई, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह एक अच्छी पहल है।
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