साल 2025 के आगमन के साथ एक बार फिर से हम सभी ने कुछ वादें खुद के साथ किए हैं। इन वादों को हम हमेशा न्यू ईयर रेजोल्यूशन का नाम देते हैं। लेकिन अक्सर ऐसा हो जाता है कि हम किसी न किसी से प्रेरणा लेकर खुद को उसकी तरह का उस जैसा बनाने की सोच लेते हुए अगले साल में प्रवेश जरूर करते हैं। लेकिन नए साल के एक या दो महीने हम न्यू ईयर रेजोल्यूशन को अपनाते हुए आगे बढ़ने की सोच से पीछे हट जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि कैसे आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए न्यू ईयर रेजोल्यूशन को टूटने से बचा सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
जो आप कर सकें ऐसे ही नियम बनाएं

याद रखें कि कभी-भी आपको रेजोल्यूशन को लेकर ऐसा नियम बनाना है, जिसे आप पूरा कर सकें। खुद पर किसी भी काम को पूरा करने का या फिर किसी भी काम को न करने का अत्यधिक दबाव न बनाएँ। क्योंकि जब आप जरूरत से अधिक की उम्मीद करती हैं, तो इससे आपको किसी भी लक्ष्य को पूरा करने में परेशानी आती है। इसलिए जरूरी है कि आपको अपने लिए रेजोल्यूशन के नाम पर ऐसा ही नियम बनाना है, जिसे आप पूरा कर सकें। साथ ही आपको उसे पूरा करने का दबाव न हो, बल्कि आप खुशी से अपने रेजोल्यूशन को पूरा कर सकें। कई बार ऐसा होता है कि हम एक साथ कई सारे टारगेट सेट कर लेते हैं। इतने सारे गोल्स को एक साथ पूरा करना हमारे लिए मुश्किल होता है। अगर आप एक ही समय में कई सारे लक्ष्य को पूरा करने का मन बनायेंगे, तो इससे आपकी एनर्जी कई सारी चीजों में लग जाती है और किसी एक चीज पर आपका फोकस नहीं रहता है।
सब्र रखना जरूरी
रेजोल्यूशन को लेकर एक और सबसे बड़ी मुश्किल आप खुद के लिए यह भी पैदा कर लेती हैं कि आप सब्र नहीं रखती हैं। रेजोल्यूशन का मतलब ही .यही होता है कि अपने आप में किसी भी चीज को लेकर बदलाव लाना या फिर किसी चीज को अपनाना। इन दोनों मामले में देर लगती है। ऐसे में आपको सब्र से अपना रेजोल्यूशन पूरा करना चाहिए। क्योंकि आपने समाज के लिए या फिर लोगों के लिए रेजोल्यूशन नहीं लिया है, जो कि आपको इसे लेकर जवाब देना जरूरी है। आपने खुद के लिए कोई फैसला लिया है और अगर उसे पूरा करने में कोई समय जा भी रहा है, तो कोई बुराई नहीं है। याद रखें कि सब्र का फल मीठा होता है।
चुनौतियों से घबराना नहीं

रेजोल्यूशन को लेकर कभी-भी आपको किसी भी तरह की चुनौती से घबराना नहीं है। कई बार ऐसे हालात पैदा होते हैं कि जब खुद के रेजोल्यूशन को पूरा करने में हमारे सामने कई तरह की छोटी और बड़ी चुनौती आती है। इस दौरान आपको यह ध्यान रखना है कि आपको रेजोल्यूशन के जरिए खुद को एक नया मौका देना है और खुद के इरादों को मजबूत रखना है, ताकि आप किसी भी तरह की चुनौती से घबराएं नहीं। साथ ही अपना रेजोल्यूशन पूरा करने के लिए आपको किसी अन्य पर निर्भर नहीं रहना है। बल्कि आपको अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए केवल खुद के सपोर्ट और सहारे की जरूरत है, इसी विचारधारा के साथ आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी है। अपने रेजोल्यूशन को लेकर आपको किसी भी तरह की नकारात्मक सोच नहीं रखनी है। केवल आपको यह सोचना है कि रेजोल्यूशन लेते वक्त आपने जिस हौसले को दिखाया था, उसी हिम्मत के साथ आपको रेजोल्यूशन को पूरा करने के लिए आगे बढ़ना है।
रेजोल्यूशन को लेकर बनाएं गोल

कई बार हम यह गलती करते हैं कि रेजोल्यूशन को लेकर कोई गोल्स नहीं बनाते हैं। हमें अपने रेजोल्यूशन को लेकर गोल्स तय करना है। हमें खुद के रेजोल्यूशन के लिए एक ठोस प्लान बनाना चाहिए कि हमें कैसे अपने लक्ष्य तक पहुंचना है। इसके लिए आप हर दिन या हर सप्ताह के हिसाब से अपने लिए गोल्स तय करें। जैसे कि आपने रेजोल्यूशन में यह तय किया है कि आप इस साल अधिक से अधिक किताबें पढ़ना चाहती हैं। काम में उलझने के कारण अगर आप ऐसा नहीं कर पा रही हैं, तो यह तय करें कि सप्ताह में कम से कम एक किताब जरूर पढ़कर खत्म करें। अगर यह मुमकिन नहीं हो पा रहा है, तो महीने में एक किताब पढ़ने का लक्ष्य रखें। इससे आपको अपने गोल्स तक पहुंचने में काफी सहारा मिलता है। यह न सोचें कि आप अपने लक्ष्य तक तेजी से नहीं पहुंच पा रही हैं, इस बात पर आपको ध्यान केंद्रित करना है कि कितना समय लग रहा है, यह सोचने से बेहतर यह है कि आप कितना कर पा रही हैं। जैसे एक महीने में आप एक किताब भी पढ़ रही हैं, तो आप साल भर में 12 किताबें पढ़ती हैं, जो कि बीते साल की तुलना से अधिक होगा। साथ ही आप में पढ़ने की रूचि और किताब पढ़ने की आदत भी बनेंगी।
लोगों से न करें तुलना

अक्सर ऐसा होता है कि हम यह देखने लगते हैं कि हमारा दोस्त अपने रेजोल्यूशन को पूरा कितनी तेजी से कर रहा है और कई बार हम दोस्तों के दबाव में भी रेजोल्यूशन को लेकर नकारात्मक सोच अपने अंदर लेकर आते हैं। लेकिन याद रखें कि आपको कभी-भी किसी अन्य से अपनी तुलना नहीं करनी है। क्योंकि हर किसी की जीवनशैली में कई तरह के उतार-चढ़ाव होते हैं। इसलिए किसी एक की तुलना किसी दूसरे से नहीं की जा सकती है। इसलिए लोगों से खुद की तुलना न करें और याद रखें कि किसी भी तरह का रेजोल्यूशन एक कठिन फैसला होता है। हर कठिन काम को पूरा करने के लिए वक्त और सब्र दोनों की जरूरत होती है।