भारतीय परिवारों को लेकर हाल ही में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आयी है, जो यह बता रही है कि कैसे भारत में 10 हजार से अधिक बच्चे ऐसे हैं जो कि सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं। हालांकि यह बच्चे अकेले नहीं हैं, बल्कि परिवार के साथ सड़क पर रहकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। जी हां, कुछ समय पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी पेश की है। इस रिपोर्ट अनुसार देश में 10 हजार से अधिक बच्चे परिवारों के साथ सड़कों पर जीवन बिता रहे हैं। यह जानकारी तब सामने आयी, जब महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक सवाल के जवाब में इस आंकड़े को पेश किया। बता दें कि मंत्री स्मृति ईरानी ने बाल स्वराज पोर्टल से आंकड़े उपलब्ध कराए हैं जो कि देश में सड़कों पर रहने वाले वाले बच्चों की गणना पर आधारित है। इस आंकड़े में इस बात भी रोशनी डाली गई है कि परिवार के साथ और अनाथ रहने वाले बच्चों की कुल संख्या क्या है? साथ ही यह भी बताया गया है कि देश में 19,546 बच्चे सड़क पर रहने के हालात का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 10,401 बच्चे अपने परिवार के साथ सड़कों पर रह रहे हैं, वहीं 8,623 बच्चे ऐसे भी हैं, जो दिन में सड़कों पर रहते हैं और फिर रात को अपने परिवार के साथ घर वापसी कर लेते हैं और पास की झुग्गियों में रहते हैं। उल्लेखनीय है कि 882 बच्चे ऐसे भी हैं जो बिना परिवार के बेसहारा अकेले सड़कों पर रहने के लिए मजबूर हैं।
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