संयुक्त राष्ट्र की हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट से यह ज्ञात हुआ है कि दुनिया में करीब 90 फीसदी गरीब देशों में लड़कियां इंटरनेट तक नहीं पहुंची हैं। इसकी वजह लड़कियों और लड़कों की संख्या के बीच असमानता को बताया गया है। यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि तेजी से बढ़ते हुए डिजिटल दुनिया में महिलाएं आर्थिक रूप से पीछे रह जाएंगी। इसके साथ ही जब भी डिजिटल गुणवत्ता की बात आती है, तो किशोर लड़कियों और महिलाओं को इससे दूर रखा जाता है। यूनिसेफ के अनुसार 15 से 24 आयु वर्ग की लगभग 65 मिलियन किशोर लड़कियां और महिलाएं इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं और इससे निपटने के लिए लैंगिग अंतराल को दूर करने के लिए इंटरनेट और तकनीक की आवश्यकता है, जिसके लिए विशेष रूप से विज्ञान, गणित और अन्य जरूरी क्षेत्रों में युवाओं की मदद करना चाहिए, वो भी खासतौर पर लड़कियों को डिजिटल दुनिया की गुणवत्ता से अवगत कराना चाहिए, ताकि लड़कियां अपने क्षेत्र में सशक्त बन सकें। यह भी देखा गया है कि जब महिलाओं को शैक्षिणिक अवसर मिलते भी हैं, तो विषयों से जुड़ी शिक्षा होती है, न कि डिजिटल कौशल से जुड़ी हुई। इसके साथ ही यूनिसेफ ने 41 देशों के एक अध्ययन में पाया है कि लड़कियों की तुलना में लड़कों को मोबाइल फोन देने की संभावना अधिक दिखाई पड़ी है। महिला युवाओं के पास मोबाइल फोन रखने की संभावना 13 प्रतिशत कम है, जो कि डिजिटल दुनिया में उनके भाग लेने की क्षमता को सीमित करना है।