18वें G20 ( जी20) शिखर सम्मेलन में इस बार कई सारे प्रमुख एजेंडा पर बात की जाएगी। ग्रीन डेवलपमेंट, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और क्लाइमेंट फाइनेंस के साथ पर्यावरण से जुड़ी चुनौती को लेकर चर्चा की जाएगी। भारत ने जी 20 की थीम वसुधैव कुटुंबकम एक पृथ्वी, एक विकास और एक भविष्य रखा है। यह बात जगजाहिर है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और इस बार G20(जी20) में खेती के साथ महिला किसानों की अहमियत और कीमत बढ़ती हुई दिखाई देगी। ज्ञात हो कि भारत के लिए यह बड़ा मौका है कि इस बार 20 देशों के प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेने वाले हैं। इन देशों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया और अन्य प्रमुख देश इसका हिस्सा बनेंगे। आइए जानते हैं विस्तार से।
क्यों आमंत्रित की गयीं महिला किसान
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इस बार जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की 20 से अधिक महिला किसानों को आमंत्रित किया गया है। इस बार केंद्र सरकार का ध्यान मोटे अनाज को बढ़ावा देने पर है और आमंत्रित की गई महिला किसानों ने बीते कुछ सालों से मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने और उसका विस्तार करने को लेकर तेजी से काम किया है। मिली जानकारी के अनुसार इस आयोजन में मोटे अनाजों का उत्पादन करने वाले 11 राज्यों की 22 महिला किसान उद्यमी शामिल होंगी। अगर राज्यों की बात की जाए, तो महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और असम की महिला किसान शामिल होंगी, जो कि जी 20 में खेती को लेकर अपने अनुभव को साझा करेंगी।
महिला किसान लगायेंगी प्रदर्शनी
ओडिशा के कोरापुट जिले की आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया भी 9 सितंबर से 10 सितंबर तक होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा बनने का अवसर मिला है। रायमती घुरिया जी20 के सम्मेलन में अपने अनाज स्टार्टअप की प्रदर्शनी लगायेंगी। साथ ही मोटे अनाज से बनी हुई रंगोली को भी प्रदर्शित करेंगी। महिला किसान घुरिया ने एक उपज कंपनी का निर्माण भी किया है, जो कि स्थानीय आदिवासी किसानों से मोटे अनाजों की खरीदी करता है। घुरिया साल 2012 से एक फार्म स्कूल भी चला रही हैं। इस स्कूल में किसानों को मिलेट्स की खेती और फसल से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। इसके साथ मध्य प्रदेश के डिंडोरा जिले की लहरी बाई भी इस सम्मेलन का हिस्सा बन रही हैं। दिलचस्प है कि लहरी बाई बीते कई सालों से 150 से अधिक किस्मों के बीजों का संरक्षण कर रही हैं। इसी वजह से उन्हें भारत की बाजरा रानी भी कहा जाता है।
जी 20 में होगी निजी क्षेत्र में महिला नेतृत्व बढ़ाने की पहल
जी 20 ईएम-पॉवर का एक ऐसा गठबंधन है, जो कि महिलाओं के विकास के लिए काम करेगा। इसका मकसद निजी क्षेत्र में महिलाओं का नेतृत्व बढ़ाने के साथ उन्हें सशक्तिकरण देने की कोशिश की जाएगी। इसे लेकर कई बैठक होंगी। जी-20 ने कई सारी प्राथमिकताएं तय की है, जो कि भारत के विकास के साथ महिलाओं की भूमिका को भी मजबूती देता है। इस बार महिला किसानों के साथ-साथ महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे स्टार्टअप को भी प्राथमिकता दी गई है, जो कि विश्व में महिलाओं के बढ़ते हुए ग्राफ को दिखाएगा। सभी प्रमुख देश इस पर चर्चा की जाएगी कि कैसे महिलाओं को न केवल सशक्त बनाया जाए, बल्कि उन्हें समान स्तर पर खड़ा करके केंद्र भूमिका निभाने का अवसर मिले। जी-20 के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि महिलाओं का विकास और उनके द्वारा लिए गए मजबूत फैसलों से न केवल उनके जीवन में सुधार होता है, बल्कि पूरे परिवार, समुदाय और समाज के जीवन में भी सुधार होता है। इसी को देखते हुए कई चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।
महिला कमांडो की तैनाती
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यह उल्लेखनीय है कि जी 20 सम्मेलन के अंदर, जहां महिला किसान अपनी ताकत और काबिलियत का परिचय देंगी। वही दूसरी तरफ इस पूरे सम्मेलन की सुरक्षा की जिम्मेदारी महिला कमांडो की दी गई है। जी 20 के लिए खासतौर पर मार्क्स महिलाओं को तैयार किया गया है।इस शिखर सम्मेलन का आयोजन दिल्ली में हो रहा है। इस वजह से राजधानी दिल्ली में तीन की छुट्टी का ऐलान किया गया है। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बार सुरक्षा के लिए पुरुषों से अधिक महिला कमांडो को ट्रेनिंग दी गई है। 19 महिला पुलिस कर्मियों को इस तरह की ट्रेनिंग दी गई है कि उन्हें अब मार्क्स वुमन कहा जा रहा है। इस ट्रेनिंग में शूटर बनाने की ट्रेनिंग पर एक महीने पहले से फोकस किया जाता है।
महिला अनुवादकों को भी मिल रहा है मौका
यह भी एक दिलचस्प जानकारी है कि चांदनी चौक में व्यापारियों ने लगभग 100 महिला उद्यमियों को शामिल किया है, जो विदेश से आने वाले और इस सम्मेलन का हिस्सा लेने वाले लोग हैं, उनसे सही तरीके से संचार हो सके, इसके लिए अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश और अन्य भाषाओं में धाराप्रवाह अनुवादक के रूप में काम करने के लिए महिला अनुवादकों को मौके दिए जा रहे हैं, जिनमें मोहिका साहनी, एमेली मुंशी, गौरी वेबस्टर, वंदना राव, छाया सिंह, नीरू सहगल और श्वेता राजपाल का नाम प्रमुख हैं। बता दें कि चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने अनुवादक के रूप में काम करने के लिए इन महिला उद्यमियों, फैशन डिजाइनरों, प्रभावशाली लोगों, ब्लॉगर्स और सैलून और बुटीक मालिकों के साथ साझेदारी की है, जो कि अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन जैसी भाषाओं में पारंगत हैं।