छत्तीसगढ़ की बलौदाबाद की महिलाएं गोबर से पेंट बना रही हैं। जी हां, इससे पहले यह सभी महिलाएं दूसरे गांव में जाकर काम की तलाश करती थीं, वहीं अब वे सभी मिलकर गांव के गौठान में पेंट बनाकर खुद को आर्थिक तौर पर सशक्त कर रही हैं। दिलचस्प यह है कि महिलाओं के द्वारा बनाए गए पेंट की गुणवत्ता ऐसी है, जो कि सीधे तौर पर कई बड़ी पेंट कंपनी को टक्कर दे रही हैं। इस काम को अंजाम देने में मुख्य तौर पर बलौदाबाजर-भाटारपारा जिले के विकासखंड पलारी ग्राम गिर्रा में स्थित जय मां लक्ष्मी स्वंय सहायता समूह की महिलाएं शामिल हैं, हालांकि पेंट बनाने का कार्य 3 महीने पहले शुरू हुआ है। अभी तक इन महिलाओं ने मिलकर 1915 लीटर गोबर पेंट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है और इन सभी पेंट से महिलाओं ने लगभग 1 लाख से अधिक का आर्थिक फायदा अर्जित किया है। ज्ञात हो कि महिलाओं को पेंट का काम सीखाने के पीछे रीपा महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का हाथ है। यहीं से उन्हें पेंट के निर्माण कार्य की जानकारी प्राप्त हुआ है। इन सभी महिलाओं की प्रतिभा को देखते और गोबर पेंट के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए सभी शासकीय भवनों की रंगाई गोबर पेंट से कराने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि गोबर पेंट की गुणवत्ता कई मल्टीनेशनल पेंट कंपनी को कड़ी टक्कर देती है। यह एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल होता है साथ ही मल्टीनेशनल पेंट के मुकाबले इसकी कीमत 30 से 40 फीसदी कम होती है। पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण इस पेंट को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी बेचने की तैयारी की जा रही है। इस पूरी योजना को देखते हुए यह साफ होता है कि ग्रामीण इलाकों में महिलाएं प्रकृति की अहमियत को बढ़ावा देने के साथ अपने व्यापार के जरिए विश्व में एक मिसाल कायम कर रही हैं, साथ ही आर्थिक तौर पर खुद को प्रबल कर रही हैं।
*Image used is only for representation of the story