ग्रामीण महिलाएं लगातार अपनी सफलता की कहानी लिख रही हैं। जी हां, कई ऐसे शहर और गांव हैं, जहां पर महिलाओं ने खुद को आर्थिक तौर पर सशक्त करने के साथ अपने व्यवसाय को मेहनत और हिम्मत के बल पर ब्रांड में बदल दिया है। यहां तक कि कई महिलाओं के व्यवसाय को विदेश तक में पहचान मिली है, जो कि महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाते हुए उन्हें तरक्की की तरफ आगे लेकर जा रहा है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
शिवपुरी की महिलाओं के व्यवसाय की मांग विदेश तक
मध्य प्रदेश के शिवपुरी की महिलाओं के व्यवसाय की मांग विदेश तक पहुंच गई है। स्वयं सहायता समूह के जरिए शिवपुरी की पिछोर तहसील के पीपलखेड़ा गांव की महिलाओं ने मूंगफली के तेल को ब्रांड का नाम दे दिया है। 15 महिलाएं समूह में आकर मूंगफली का तेल बनाती हैं। इसके लिए सबसे पहले महिलाएं अपने गांव में कोल्हू से तेल तैयार करती हैं और फिर बने हुए तेल को भोपाल में मौजूद एक संस्था को दे देती हैं। भोपाल की यह संस्था मलेशिया और अमेरिका में तेल का निर्यात करती है। महिलाएं अभी तक 1685 लीटर तेल का निर्यात करती हैं। हर दिन यह महिलाएं 500 से 1000 रुपए की कमाई करती हैं। इस मूंगफली तेल की खूबी यह है कि यह बिना किसी मिलावट के बनाया जाता है, जो कि बाजार में मिल रहे तेल के मुकाबले अच्छी गुणवत्ता वाला होता है।
झारखंड की महिलाओं का पलाश ब्रांड
झारखंड की महिलाओं ने पलाश ब्रांड को तैयार किया है। झारखंड के गांवों की कई सारी महिलाएं पलाश ब्रांड के जरिए कई तरह के घरेलू और निजी जीवन के लिए जरूरी उत्पादन बनाती हैं, और फिर इसे राज्य सरकारी भवनों में भेजा जाता है। सरकार द्वारा पलाश ब्रांड के सामानों का इस्तेमाल सरकारी स्कूल, सरकारी कार्यालय, सरकारी भवनों में किया जाता है, इससे ब्रांड को लोगों तक पहुंचने में आसानी होती है और पहचान भी मिली है। जाहिर सी बात है कि पलाश ब्रांड के जरिए महिलाएं अपनी पहचान बनाते हुए खुद को नई उड़ान दे रही हैं।
जलकुंभी को सीतापुर की महिलाओं ने बनाया ब्रांड
लखनऊ के सीतापुर के मिश्रिख ब्लॉक की महिलाएं जलकुंभी से कई तरह के प्रोडक्ट का निर्माण कर रही हैं, उन्होंने खुद को प्रोडक्ट को ब्रांड बना दिया है। नतीजा यह हुआ है कि कई बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां उनके प्रोडक्ट को गिफ्ट के लिए इस्तेमाल करती हैं। सीतापुर प्रशासन के अधिकारियों ने इसके लिए 34 महिलाओं को ट्रेनिंग दी है। सीतापुर की महिलाओं ने कई साल के परिश्रम के बाद खुद को इस मुकाम पर पहुंचाया है।
छत्तीसगढ़ की पुष्पलता बन गयीं ब्रांड
छत्तीसगढ़ की पुष्पलता ने भी खुद के नाम को ब्रांड बना दिया है। छत्तीसगढ़ की पथरिया डोमा की पुष्पलता कई महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हुई हैं। पुष्पलता पारकर ने कुछ साल पहले वाशिंग पाउडर बनाने की ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने अपने वाशिंग पाउडर का प्रचार गांव में घूम-घूम कर करना शुरू किया। अपनी मेहनत के दम पर केवल साबुन पाउडर बेचकर उन्होंने बाजार में अपना ब्रांड स्थापित कर लिया। नतीजा यह हुआ कि छत्तीसगढ़ के सी- मार्ट में भी उनके प्रोडक्ट की मांग अधिक हो गई है।
राजगढ़ की महिलाओं का भूमि ब्रांड
हिमाचल प्रदेश के राजगढ़ की महिलाओं ने भी अपना ब्रांड शुरू किया है। भूमि ब्रांड के अंतर्गत राजगढ़ क्षेत्र की महिलाएं कई सारे घरेलू सामान बनाकर बाजार में बेच रही हैं। यहां तक दूध और दही को भी बेचने का काम यह महिलाएं कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हो रहा है। यह महिलाएं देश और विदेश में भी अपने ब्रांड को पहचान देने की तरफ तेजी से काम कर रही हैं। वहीं यह भी बता दें कि पलाश ब्रांड के जरिए उत्तर प्रदेश, रांची, झारखंड, बिहार और मध्य प्रदेश की महिलाएं कई सारे घरेलू और जरूरी सामानों का व्यवसाय कर रही हैं, जिसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी है कि पलाश ब्रांड के सामान ऑनलाइन भी मिल रहे हैं।
*Image used is only for representation of the story