शहरी महिलाओं के लिए इंटरनेट इस्तेमाल करना एक अच्छा माध्यम और विकल्प तो साबित हो रहा है है, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना उनके लिए जोखिम लेकर भी आ रहा है। जी हां, हाल ही में इसी संदर्भ में एक सर्वेक्षण (सर्वे) किया गया। और सर्वेक्षण के बाद सामने आई रिपोर्ट के अनुसार 10 में से 8 शहरी भारतीय महिलाएं अपने रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह की गतिविधियों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं। सर्वेक्षण से ज्ञात हुआ है कि 76 प्रतिशत शहरी भारतीय महिलाएं परिवार और दोस्तों से संपर्क में रहने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर रही हैं, जबकि 57 प्रतिशत महिलाएं इसका उपयोग केवल किसी तरह की जानकारी खोजने या फिर मनोरंजन के लिए करती हैं। लेकिन सर्वेक्षण में शामिल 83 प्रतिशत शहरी महिलाएं इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए कार्रवाई चाहती हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि इन सभी शहरी महिलाओं को इंटरनेट का इस्तेमाल करने के दौरान ट्रोलिंग और अपशब्दों को सुनने के साथ-साथ धोखाधड़ी का भी सामना लगातार करना पड़ रहा है। इन सभी महिलाओं ने साइबर सुरक्षा को लेकर पुरजोर तरीके से कार्रवाई की मांग की है। इन महिलाओं का कहना है कि इंटरनेट के उपयोग को सुरक्षित बनाना जरूरी है, ताकि भविष्य में उन्हें ट्रोलिंग के साथ बुरे व्यवहार और अन्य तरह की साइबर सुरक्षा से जुड़ी परेशानी का सामना न करना पड़े। ज्ञात हो कि शहरी महिलाओं के इंटरनेट इस्तेमाल पर किया गया सर्वेक्षण भारत के 301 शहरी जिलों में किया गया और इसके अनुसार 39 प्रतिशत महिलाओं के साथ 61 प्रतिशत पुरुषों ने भी इस सर्वेक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सर्वेक्षण में 46 प्रतिशत लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को महिला साइबर शिकायत हॉटलाइन (वेब और फोन) की शुरुआत करनी चाहिए, जहां से 24 घंटों के अंतराल में भी जवाब मिल सकेगा, वहीं 60 प्रतिशत लोगों के अनुसार राष्ट्रीय महिला साइबर शिकायत हॉटलाइन को स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय करना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि शिकायतकर्ता महिला के बयान पर जल्द कार्रवाई हो। यह भी बता दें कि इस सर्वेक्षण के बाद सामने आये नतीजों को केंद्रीय मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी शामिल है।
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