भारत के ग्रामीण इलाकों में ऐसी कई महिलाएं, जिन्होंने अपनी सूझ-बूझ से तकनीक का इस्तेमाल किया है और पूरी रूप रेखा ही बदल दी है। आइए ऐसी कुछ महिलाएं और उनके होनहार कारनामों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
झारखंड में स्थाई/ टिकाऊ वेंटिलेशन
झारखंड की लोहरदगा की महिलाओं ने इस बात को समझा कि चूल्हे से निकलने वाला धुंआ किस तरह से उनके शरीर के लिए अच्छा नहीं है, इसलिए उन्होंने जागरूकता अभियान में हिस्सा लिया, एक ऐसी तकनीक सीखी, जिसके बाद रसोई में एक सही वेंटिलेशन के लिए खिड़की बनाया और चूल्हे में प्लास्टिक या कागज जैसी चीजों को जलाना बंद कर दिया। वर्तमान में वहां की महिलाएं अब खाना पकाने के लिए एलपीजी स्टोव और चूल्हे दोनों का उपयोग करती हैं। यहां की महिलाओं को धुएं से मुक्त चूल्हे, रसोई में उचित खिड़कियां और हवादार जगहों पर खाना बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सोलर राजा आई है महिलाओं के लिए
राजस्थान से संबंध रखने वालीं डॉ मधुरिता गुप्ता ने अपनी तकनीकी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करके सौर-ऊर्जा से चलने वाले सेनेटरी नैपकिन और डायपर इंसीनरेटर सोलरलज्जा का इस्तेमाल किया। यह सौर-ऊर्जा से संचालित है, यह बिजली और ईंधन संरक्षण में भी मदद करता है, प्रत्येक इकाई के साथ गंभीर रूप से 48,000 वाट बिजली की बचत होती है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होता है। ऐसे में यह महिलाओं के लिए और पर्यावरण दोनों के लिए बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है।
मिलेट वुमन लहरी
मध्य प्रदेश के डिंडोरी की 27 वर्षीय आदिवासी महिला लहरी बाई की भी कहानी कुछ ऐसी ही हैं, जिन्होंने अपने 'बीज बैंक' के साथ मिलेट्स की जमीनी स्तर की ब्रांड एंबेसडर बनकर एक नया मुकाम हासिल किया है। लहरी ने कम उम्र से ही बाजरे के बीज की किस्मों को इकट्ठा करना और संरक्षित करना शुरू किया था, तब उनका लोग मजाक बनाते थे। लेकिन लहरी बाई ने इसकी चिंता नहीं की, उन्होंने पूरी तरह से फोकस होकर काम किया। उन्होंने सबसे पहले तो शादी नहीं करने का निर्णय लिया और बीज संरक्षण शुरू किया। इसके लिए उन्होंने बाजरे के स्वास्थ्य लाभ को समझते हुए उनकी खेती पर भी ध्यान दिया और आज वह एक मुकाम हासिल कर चुकी हैं। लहरी अपने माता-पिता के साथ कच्चे मकान में रहती है, जहां घर के एक खास स्थान को बीज बैंक के रूप में बदल दिया गया है, जहां विभिन्न मोटे अनाजों के 30 से अधिक दुर्लभ बीजों का संरक्षण किया जाता है।
सोलर कूलर बेल्ट
वाराणसी की रहने वाली आंचल ने कूलिंग करने वाला सोलर कूलिंग बेल्ट बनाया है, ताकि बोतल में रखा पानी ठंडा हो सके। इस बेल्ट की खासियत यह है कि इसमें फैन, सोलर प्लेट और थर्मल प्लेट लगी हुई है। और यह फैन और थर्मल प्लेट, सोलर पावर से चलते हैं और पानी को ठंडा कर देते हैं। उनकी यह अनोखी पहल शानदार है।