इससे सभी वाकिफ है कि हर क्षेत्र में महिलाएं अपना लोहा मनवा चुकी हैं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि आर्म्ड पुलिस फोर्स में महिलाओं ने डॉग्स को ट्रेनिंग देने करने का काम भी बखूबी किया है। जी हां, ऐसा पहली बार हुआ है, जब सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में महिला सिपाहियों ने डॉग हैंडलर का कोर्स पूरा किया है। इस कारनामे को अंजाम दिया है देश में पहली बार ऐसा करने वाली सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में तैनात 8 महिला सिपाही हैं । यह सभी महिला सिपाही K9 Soldiers को संभालेंगी। उल्लेखनीय है कि इन सभी 8 महिला सिपाहियों को नक्सलवादी जगहों पर अपनी सेवाएं देनी होंगी। ज्ञात हो कि इन महिलाओं का बैच के साथ, बॉर्डर और नक्सलवादी जगहों पर सुरक्षा का काम K9 डॉग्स भी करेंगे। इससे पहले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सभी डॉग पुरुषों द्वारा संभालने जाते रहे हैं। वहीं अर्धसैनिक बलों के बीच महिलाओं का यह पहला ऐसा बैच है, जिसे खासतौर पर नक्सल विरोधी अभियानों के साथ कई सारी देश से जुड़ी सुरक्षा को देखते हुए K9 हैंडलर के तौर पर प्रशिक्षित किया गया है। इन 8 महिला सिपाहियों में शामिल डॉग हैंडलर अनामिका भारद्वाज का मानना है कि डॉग्स को ट्रेनिंग देने का काम कठिन रहा है। इसकी वजह यह है कि K9 डॉग्स शुरू में छोटे बच्चे थे, ऐसे में उन्हें ट्रेनिंग देने आसान नहीं था। हालांकि इन सभी डॉग्स को एडवांस ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसके कारण इन डॉग्स को पेट्रोलिंग के साथ बम को खोजना, कंमाड को सुनना और समझना भी सिखाया गया है। साथ ही महिलाओं ने कड़ी ट्रेनिंग के साथ इन सभी डॉग्स को प्यार से संभाला है, जो कि उनकी ट्रेनिंग का मुख्य हिस्सा है। बता दें कि इन सभी महिला डॉग हैंडलर का कहना है कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें देश की पहली महिला डॉग हैंडलर होने का सम्मान प्राप्त हुआ है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि देश की महिलाएं हर स्तर पर खुद को कड़ी चुनौती देने के साथ हर दिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं देश के लिए मिसाल बनकर उभर रही हैं।
*Image credit : ANI