भारत में जबकि इस क्षेत्र में कई काम हो रहे हैं कि कम उम्र की लड़कियों की शादी नहीं की जाए, लेकिन जो रिपोर्ट सामने आ रही है, उससे एक बात स्पष्ट है कि समस्याएं अब भी बहुत हद तक ठीक नहीं हुई हैं। जी हां, जो रिपोर्ट सामने आये हैं, वह बहुत ही अफसोसजनक हैं। हाल ही भारत के कई राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक के अंतर्गत साझा किए गए आंकड़े (डेटा)विश्लेषण से पता चला है कि भारत के 313 जिलों में, 20-24 आयु वर्ग की 20 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई थी, जो कि भारत में शादी के लिए कानूनी उम्र है। यही नहीं, 15 जिलों में, 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र में 20-24 साल की उम्र की महिलाओं के बीच हुई थी। अफसोसजनक बात यह है कि 15 जिले पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, असम जैसे राज्यों के हैं।
रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अधिक व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विकल्प प्राप्त करने के लिए सभी स्तरों पर बाल विवाह की प्रथा पर अंकुश लगाना अनिवार्य है, खासतौर से पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा जैसे राज्यों में जहां महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक है।
अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो, राज्यों में पुडुचेरी का "व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद" पर 86.2 का उच्चतम अंक है, इसके बाद दिल्ली (84.6) और तमिलनाडु (82.5) का स्थान है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की औसत अंक 68.1 है। 19 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय औसत से ऊपर अंक है, यह दर्शाता है कि वे काफी खुली मानसिकता के लोग हैं, जबकि बिहार में 42.8, गुजरात में 49.6 और महाराष्ट्र में यह संख्या 50.3 है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले का उच्चतम अंक 90.8 है और लेकिन इसकी बड़ी वजह यह बताई जाती है कि यहां न केवल महिलाओं का सबसे कम प्रतिशत है, जिनकी शादी 18 वर्ष (3.3 प्रतिशत ) से पहले हुई थी, बल्कि 83.5 प्रतिशत महिलाएं भी परिवार नियोजन के तरीकों का उपयोग कर रही हैं।
रिपोर्ट यह भी स्पष्ट करता है कि बाल विवाह के बढ़ते प्रकोप कीप्रगति को उजागर करने के लिए एनएफएचएस -4 और 5 डेटा से रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें कहा गया है कि 18 वर्ष की आयु से पहले 20-24 वर्ष की आयु की महिलाओं की शादी का प्रतिशत वर्ष 2015-16 में 26.8 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2019-2021 में 23.3 प्रतिशत हो गया है।
बता दें कि भारत के शहरों में 18 साल से पहले शादी करने वाली महिलाओं का प्रतिशत पिछले पांच वर्षों में 17.5 प्रतिशत से 14.7 प्रतिशत तक 2.8 अंक कम हो गया है।