हाल के अध्ययन में एक बात सामने आई है कि पंजाब और दिल्ली के 10 में से 9 बच्चों में हृदय-स्वस्थ जीवन शैली का अभाव पाया जाता है। ऐसे में इस अध्ययन के मुख्य अन्वेषक, पंजाब रतन अवार्डी और मेदांता अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के वाइस-चेयरमैन डॉ रजनीश कपूर और उनकी टीम ने 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के 3,200 बच्चों की प्रश्नावली-आधारित मूल्यांकन के माध्यम से जांच की, जो हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि बचपन में मोटापे की बढ़ती व्यापकता, बच्चों में बढ़ता स्क्रीन टॉम और पर्याप्त शारीरिक गतिविधि की कमी पर पूर्ण रूप से ध्यान देना जरूरी है। गौरतलब है कि बचपन में मोटापे की घटनाएं हुई हैं, उन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए और बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूक करने के लिए, खाद्य सुरक्षा प्रशासन यूटी, चंडीगढ़ ने भारत सरकार की पहल 'ईट राइट्स स्कूल' को यहां शामिल किया है, जिसके लिए शिक्षा विभाग, चंडीगढ़ को शामिल किया गया है। इस पहल के पहले चरण में 100 सरकारी स्कूलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
इस क्रम में स्कूल कैंटीन में स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता और पोषण पहली प्राथमिकता होगी, जिसमें खाद्य सुरक्षा पर्यवेक्षण कार्यक्रम होगा, जिसमें स्कूलों में कई मॉड्यूल प्रशिक्षण कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसमें पहले, हम कैंटीन की स्थिति, लाइसेंस, पंजीकरण, परिसर में परोसे जाने वाले भोजन का आकलन किया जाएगा और फिर कार्यकर्ताओं को ‘ईट राइट स्कूल’ पहल के मापदंडों के अनुसार प्रशिक्षित करेंगे और इस पूरी प्रक्रिया के बाद, तीसरे पक्ष के लेखा परीक्षक (थर्ड पार्टी ऑडिटर) होंगे।
इसके साथ ही साथ कैटरिंग विंग के अंतर्गत आने वाले मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले कर्मचारियों को स्वच्छता, भोजन के गुणवत्ता मानकों और रसोई के रख-रखाव का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यहां इस बात का भी ख्याल रखा जायेगा कि हम उन्हें जंक फूड को बाजरा जैसे स्वस्थ विकल्पों के साथ बदलने में मदद करेंगे, तलने के लिए पुराने तेल का उपयोग नहीं करेंगे और स्वस्थ भोजन की ओर उनका मार्गदर्शन करेंगे।
वाकई, यह एक अच्छी और अनोखी पहल है।
*Image is used only for representation of the story