डेयरी फार्म के व्यवसाय से छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्रामीण भाग की महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं। दुर्ग जिले में चंदखुरी की राजश्री महिला स्वंय सहायता समूह की महिलाएं डेयरी फार्म के जरिए हर महीने 38 हजार के लगभग की कमाई कर रही हैं। महिलाएं डेयरी फार्म के व्यवसाय के जरिए 30 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन करके बाजार में बेच रही हैं। महिलाओं को मिल्क पार्लर से भी अधिक आर्थिक फायदा हो रहा है, क्योंकि यहां पर प्रति लीटर 42 रुपए के हिसाब से दूध की बिक्री की जा रही है। ग्रामीण महिलाओं को प्रबल बनाने के पीछे गौठान का हाथ है। इससे पहले गांव की महिलाएं बेरोजगार थीं। इसे देखते हुए ग्रामीण भागों में गौठान का गठन किया गया। इस समूह में मौजूद महिलाओं ने मिलकर डेयरी फार्म का व्यवसाय शुरू किया। दिलचस्प है कि ये महिलाएं गोबर खाद की बिक्री से भी आर्थिक लाभ ले रही हैं, हालांकि ग्रामीण भागों में स्थापित गौठान में दूध उत्पादन के साथ गोबर खाद के व्यवसाय को भी बढ़त तेजी से मिल रही है। गांव की अन्य महिलाएं भी इस व्यवसाय से लगातार जुड़ रही हैं। इस डेयरी से होने वाली आमदनी के कारण गांव की महिलाएं आर्थिक तौर पर अपने परिवार की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं और भविष्य में अपने व्यवसाय का विस्तार करने के बारे में भी विचार कर रही हैं। वाकई, यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि ग्रामीण भाग की महिलाएं अपनी प्रगति और आत्मनिर्भरता के लिए खुद को सशक्त करने की मजबूत पहल लगातार कर रही हैं।
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