कार्टून फिल्मों से हमारा बचपन से एक रिश्ता होता है, हम उन्हें देखते हैं और एक अलग दुनिया में खो जाते हैं, उनके किरदार अचानक से हमारे अपने हो जाते हैं, कॉमिक पढ़ते हुए कई बार जेहन में ये बातें आ जाती हैं कि ये तो हमारे परिवार का हिस्सा है, दरअसल, ये कमाल एक लेखक का होता है, जो एक काल्पनिक कहानी को अपनी दुनिया दे देता है और इसलिए किसी कहानी को आत्मा देने का श्रेय एक लेखक को ही जाता है और सोनाली केलापुरे वहीं शख्स हैं, जो इस काम को एक नया आयाम दे रही हैं अपने स्टूडियो क, ख, ग से, जहां वे क्रिएटिव राइटर्स के साथ नयी कहानी कहने की कोशिश करती रहती हैं। सोनाली ने फोटोग्राफी, पब्लिक रिलेशन, निर्देशन का अनुभव लेने के बाद किस तरह खुद के राइटिंग स्टूडियो की शुरुआत की, जानने के लिए देखिए उनके दिलचस्प सफर की कहानी।