थियेटर यानी नाटकों के मंचन के माध्यम से भी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे में तिरुवनंतपुरम में होने वाला तीन दिवसीय महिला थिएटर फेस्टिवल इसमें इजाफा करेगा। जी हां, यह एक खुशखबरी है कि खासतौर से महिलाओं को ध्यान में रखते हुए एक थियेटर फेस्टिवल का आयोजन केरल के तिरुवनंतपुरम में किया जा रहा है, जहां 14 नाटकों का मंचन होगा और खास बात यह है कि इन नाटकों का निर्देशन महिलाओं ने ही किया है। तीन दिनों तक चलने वाले इस नाटक उत्सव में विभिन्न विषयों पर आधारित नाटक मंचन होने वाले हैं। खास बात यह भी है कि इस महोत्सव के माध्यम से उन महिला योद्धाओं को भी श्रद्धांजलि देने की कोशिश है और उनके योगदान को याद किया जा रहा है, जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपनी जान को न्योछावर कर दिया। साथ ही कई समाज सुधारक महिलाओं को भी याद किया जाएगा, जिन्होंने समाज की बेहतरी के लिए आवाज उठायी।
सो, कुइली भी इस महोत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है, गौरतलब है कि 18वीं शताब्दी के एक अरुणाथथियार योद्धा, जिन्होंने रानी वेलु नचियार को अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध जीतने में मदद की थी, उन्हें याद दिलाती है कि 21 साल की उम्र में, वह सेना की कमांडर-इन-चीफ थीं और उन्होंने एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था। तो, 23 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम में शुरू होने वाले तीन दिवसीय महिला थिएटर फेस्टिवल के उद्घाटन नाटक का यह हिस्सा होगी। साथ ही साथ श्रीजा अरंगोट्टुकरा के नाटक, म्यूजियम ऑफ साइलेंस में सुनाई देंगी। श्रीजा की बेटी सावित्री एम द्वारा निर्देशित, यह नाटक संगीत, नृत्य और संवादों का एक कोलाज होगा। इसके अलावा, वलियाथुरा गांव की लड़कियां थी कदल नामक स्ट्रीट प्ले का भी मंचन करेंगी। म्यूजियम ऑफ साइलेंस के अलावा, इस महोत्सव में डायना, पुकातिरिक्क्न आवथिले, शी कर काडु नामक नाटकों का भी मंचन होगा। इसमें असम के नाटक ऑलमोस्ट एंटीगौन, सोलोगामी, सिक साइकल, सिक, आशिमा, अनधिका, कन्नड़ नाटक गिरिबले, ईला ईला लेम्मा सबठानि का भी मंचन होगा। इन सबके अलावा, यहां लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को भी कम करने की कोशिश करने वाले नाटकों को भी दर्शाया जाएगा।
बता दें कि पहले संस्करण के 24 साल बाद, जिसे केरल संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में आयोजित किया गया था, यह उत्सव केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, केरल राज्य के सांस्कृतिक मामलों के विभाग, वायलोपिली संस्कृति भवन और कुदुम्बश्री (ए) के सहयोग से निरीक्षण द्वारा आयोजित किया जा रहा है। राज्य सरकार का गरीबी उन्मूलन और महिला अधिकारिता कार्यक्रम) के तहत इसे प्रोत्साहन मिल रहा है।
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