ग्रामीण इलाकों में फूलों की खेती से लगातार महिलाएं जुड़ रही हैं, इससे एक तरफ जहां उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है, तो दूसरी तरफ वे पर्यावरण की सुरक्षा में भी एक बड़ा योगदान दे रही हैं। खासतौर पर महिलाओं का ध्यान फूलों की खेती पर है। बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में फूलों की खेती की मांग बढ़ी है। साल के 12 महीने तक इन फूलों की खेती की मांग हमेशा रहती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे महिलाएं फूलों की खेती से मुनाफा कमा रही हैं।
महिलाएं ऐसे करती हैं फूलों की खेती
मुजफ्फरपुर के वीरपुर जिले की महिलाएं फूलों की खेती के जरिए अन्य राज्य की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। यहां की महिलाएं फूलों की खेती का कार्य साल भर करती रहती हैं। फूलों की रोपाई से लेकर तुड़ाई का काम महिलाएं खुद के बलबूते पर करती हैं, वह इसके लिए किसी से सहायता नहीं लेती है। फूलों की खेती से जुड़ी हर जिम्मेदारी को महिलाएं बखूबी निभा रही हैं, हालांकि फूलों की खेती से इन महिलाओं को आर्थिक मुनाफा सबसे अधिक हुआ है।
फूलों की खेती से मुनाफा
फूलों की खेती करने के लिए महिलाओं का खर्च 1500 से 2000 के बीच आता है, लेकिन त्योहारों और शादी के मौके पर फूलों की खेती से जुड़ीं महिलाओं की कमाई 5 से 10 हजार के करीब आसानी से हो जाती है। महिलाएं हर दिन खेती से 50 किलो फूल निकालती हैं, वहीं बाजार में फूलों का दाम प्रति किलो के हिसाब से 100 रुपए है, जिससे महिलाओं को काफी लाभ मिल जाता है। साथ ही महिलाओं को हर दिन फूलों की खेती से 5 हजार के करीब का मुनाफा भी होता है।
गेंदे के फूल से झारखंड की महिलाओं की कमाई
झारखंड के पलामू जिले में भी फूलों की खेती महिलाओं के लिए आर्थिक वरदान साबित हुई है। यहां की महिलाएं गेंदे के फूल की खेती से हजारों की कमाई कर रही हैं। इसकी वजह यह भी है कि हर खास मौके पर गेंदे के फूल का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है। पलामू जिले की कई महिलाएं ऐसी है, जो कि 10 एकड़ के लैंड पर गेंदे की खेती करती हैं। यहां की महिलाएं गेंदे की खेती के लिए खाद और बाकी की तैयारी करती हैं, इसके बाद गेंदे का फूल आने के बाद वह माला बनाकर बेच देती हैं। इससे उनकी कमाई सबसे अच्छे तरीके से होती है। माना गया है कि गेंदे की खेती से यहां की महिलाएं महीने में हजारों की कमाई कर लेती हैं।
फूलों की खेती से हर महीने हजार की कमाई
जमशेदपुर में भी फूलों की खेती ने कई महिलाओं की तकदीर और परिवार के आर्थिक हालात की तस्वीर बदल दी है। जमशेदपुर की महिलाएं सब्जियों की खेती के साथ फूलों की खेती पर भी बराबर का फोकस करती हैं। जमशेदपुर की यशोदा ने फूलों की खेती से अपनी पहचान कायम कर ली है। यशोदा मानती हैं कि उन्हें एक दोस्त के जरिए फूलों की खेती से कमाई करने का जरिया पता चला। उन्होंने फूलों की खेती पर फोकस किया और कुछ ही महीने में यह पाया कि ऐसा एक भी मौका नहीं आया, जब उनके फूलों की ब्रिकी नहीं हुई। हर सप्ताह उनके खेत से 200 फूल खेत से निकलते हैं, जिससे उनकी कमाई 3 हजार से अधिक की हो जाती है।
उत्तर प्रदेश में हाईटेक नर्सरी
उत्तर प्रदेश के बस्ती में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में ढाई करोड़ रुपए से दो हाईटेक नर्सरी का निर्माण कराया गया है। इन हाईटेक नर्सरियों के संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं। प्रत्येत नर्सरी की लागत 1 करोड़ के करीब है। इस नर्सरी में कई तरह के पौधे लगाए जाते हैं। इससे 1400 से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। हर महीने महिलाएं इस नर्सरी से हजारों की कमाई करती हैं। महिलाएं एक तरफ नर्सरी में पौधों की देखभाल करती हैं, फूल आने पर उनके ब्रिकी की व्यवस्था करने के साथ फूल बचने पर उससे हर्बल रंग भी बनाती हैं।
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