इको फ्रेंडली सामग्रियों का उपयोग पर्यावरण को सुरक्षित करने का सही तरीका माना गया है। बीते कुछ सालों में इस तरह की सामग्रियों की मांग में इजाफा हुआ है, वहीं अब झारखंड के धनबाद शहर की महिलाएं इको फ्रेंडली व्यापार के जरिए खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं। धनबाद के सिल्वर स्वयं सहायता समूह और भारत भक्ति स्वयं सहायता समूह के जरिए जूट से बने हुए फैशनेबल बैग, मूर्ति, चप्पल और स्टोरेज बैग के साथ अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि सिल्वर स्वयं सहायता समूह के इस कार्य से लगभग 20 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो कि जूट की ज्वेलरी के साथ अन्य सामान को तैयार कर रही हैं। इसके लिए एक वर्कशॉप भी शुरू किया गया है, जहां पर महिलाओं को जूट से कई तरह के जरूरी सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। उनका फोकस जूट की ज्वेलरी पर सबसे अधिक है। सुबह से लेकर शाम तक इस वर्कशॉप में महिलाएं काम सीखती भी हैं और जूट से सामग्रियों को तैयार भी करती हैं। खास बात यह है कि ये ज्वेलरी, बैग और अन्य सामान बनाने के लिए कच्चा माल ऑनलाइन मंगाते हैं। ज्ञात हो कि जूट की ज्वेलरी की मांग बीते कुछ सालों में अधिक हुई है। खासतौर पर बंगाल में इसकी मांग सबसे अधिक है, वहीं इसकी कीमत की बात की जाए, तो जूट के नेकलेस की कीमत 150 रुपए के करीब है। बैंगल और ईयर रिंग की कीमत 50 रुपए के करीब है। हर्बल रंग चढ़ाकर इस जूट की ज्वेलरी को डिजाइन किया जा रहा है। वाकई, जूट की ज्वेलरी की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए कई शहरों में इसका व्यापार तेजी से अपने पैर फैला रहा है।
*Image used is only for representation of the story