कामयाबी हासिल करने के लिए सिर्फ सपने देखना काफी नहीं होता, बल्कि कड़ी परिश्रम की भी जरूरत होती है, इसे साबित कर दिखाया है, महिला सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल ने। काबिल ए तारीफ है कि रिगजिन लद्दाख की पहली महिला हैं, जिन्हें इतना ऊंचा सम्मान मिला है। इसके लिए लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल का सम्मान भी किया गया है, ताकि वह देश की हर महिला के लिए एक मिसाल कायम करें। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल ने लद्दाख में हुई अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान ही अपने हुनर और काबिलियत के दम पर सेना में महिलाओं के कद को ऊपरी पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है। बता दें कि लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल ने सबसे पहले ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से पास होने के बाद पहले ही पड़ाव में आर्मी सप्लाई कोर में अधिकारी का पदभार संभाला। इसके बाद अक्टूबर में पास आउट होने के बाद उन्हें सेना में कोर अधिकारी बनने का अवसर मिला, जिसके लिए साल 2012 में 12 दिसंबर से उनका प्रशिक्षण शुरू हुआ था। लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल के बुलंद हौसले और हिम्मत की दाद देते हुए लद्दाख के आर्मी कमांडर ने भी उनके जज्बे को सलाम किया है। ज्ञात हो कि लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल को देश के लिए समर्पित होने की प्रेरणा अपने पति से मिली है। लद्दाख स्काउट्स में तैनात राइफलमैन रिगजिन खंडप की पत्नी हैं, लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल। अपने पति रिगजिन खंडप के देश के लिए दिए गए बलिदान के बाद उन्होंने अपने पति के पदचिन्हों पर चलने का निर्णय लिया था। अपने दृढ़ निश्चय के दम पर लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल ने यह साबित किया है कि आत्मविश्वास के बलबूते जीवन की हर कठिनाई को दरकिनार किया जा सकता है। वाकई, लेफ्टिनेंट रिगजिन छोरोल न केवल सेना में शामिल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं।
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