देश में महिलाओं की शिक्षा का प्रतिशत कितना ऊंचा पहुंचा है, इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आयी है। इस रिपोर्ट के अनुसार बीते कुछ सालों में भारत में महिलाओं की साक्षरता दर में कई गुना इजाफा हुआ है। भारतीय विश्व बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है कि भारत में महिला साक्षरता की दर बढ़कर 77 प्रतिशत हो गई है और केरल इस मामले में बाकी की शहरों की अपेक्षा सबसे आगे है। दूसरी तरफ विश्व बैंक की सर्वेक्षण रिपोर्ट अनुसार बिहार में महिलाओं की साक्षरता दर केवल 61.8 प्रतिशत है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में महिलाओं की साक्षरता दर 65.3 प्रतिशत और राजस्थान में केवल 66.1 प्रतिशत महिलाओं में शिक्षा का दर पहुंचा है। वहीं केरल में महिलाओं की शिक्षा का दर 92.2 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है। दूसरी तरफ लक्षद्वीप में महिलाओं की शिक्षा का दर 91.85 प्रतिशत और मिजोरम में 91.33 प्रतिशत तक का आंकड़ा यह बताता है कि भारत में महिलाओं की शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है। हालांकि लड़कियों की जल्द शादी उनकी शिक्षा के रास्ते में रुकावट जरूर बन रही है, क्योंकि भारत में 12.6 प्रतिशत छात्र स्कूल में और माध्यमिक स्तर पर भी 19.8 प्रतिशत छात्र भी पढ़ाई को अनदेखा कर रहे हैं। इनमें लड़कों के मुकाबले लड़कियां जल्द ही निजी समस्याओं के चलते पढ़ाई से दूरी बना रही हैं। जाहिर सी बात है कि अभी भी कई ऐसे समुदाय हैं, जहां पर लड़कियों को शिक्षित करना प्राथमिकता नहीं मानी जा रही है। नतीजा यह हुआ है कि वैश्विक स्तर पर 1.8 मिलियन लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गांव में अभी भी महिलाओं की साक्षरता दर शहरों के मुकाबले कम है। रिपोर्ट के अनुसार शहरों में महिलाओं में साक्षरता दर 84.11 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण भागों में महिलाओं की साक्षरता का दर 67.77 प्रतिशत तक पहुंची है। ज्ञात हो कि महिलाओं में साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने साल 2018-2019 में स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा योजना और वयस्कों के बीच साक्षरता की दर में सुधार करने के लिए प्रौढ़ शिक्षा केंद्र प्रायोजित किया। इन जगहों पर वयस्क महिला साक्षरता दर साल 2001 की जनगणना के अनुसार 50 प्रतिशत से कम थी। इसे बढ़ाने के लिए साक्षर भारत योजना की भी शुरुआत की गई। इस योजना को 26 राज्यों के साथ 404 केंद्र शासित ग्रामीण जिलों में लागू किया गया था। कुछ समय बाद इस योजना को 31 मार्च, 2018 के लिए बढ़ा दिया गया था। कुल मिलाकर देखा जाए, तो पहले की तुलना में महिलाओं की साक्षरता दर में बढ़त दिखाई दी है। भारतीय विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह देखा जा सकता कि कैसे बदलते समय के साथ महिलाओं की शिक्षा को मजबूती मिल रही है, क्योंकि एक लड़की के शिक्षित होने से न केवल उसका परिवार शिक्षित होता है, बल्कि पूरा समाज शिक्षित होता है।
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