राजस्थान की महिलाओं के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखना अब और आसान होने वाला है। डिस्टेंस एजुकेशन से जुड़कर वे अपना एक नया भविष्य बना सकती हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार राजस्थान राज्य में लागू की जा रही बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना, जिसके तहत यह घोषणा की गई है कि 36,300 लड़कियों और महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए इस योजना में सरकार 14.83 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
सराकर द्वारा ऑफिशियल स्टेटमेंट में आगे कहा गया है कि इस योजना के तहत जो महिलाएं विभिन्न कारणों से नियमित रूप से कॉलेज और विश्वविद्यालय नहीं जा सकतीं, उन्हें डिस्टेंस मीडियम से उच्च शिक्षा से जोड़ा जाएगा।
स्टेटमेंट में कहा गया है कि इस योजना में अंडर-ग्रेजुएट लेवल के लिए 16,000 सीटों, पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए 5,300, डिप्लोमा के लिए 10,000, पीजी डिप्लोमा के लिए 3,000 और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 2,000 सीटों का प्रस्ताव है। अधिकारियों के अनुसार, महिलाएं राज्य सरकार से सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों और वर्धमान महावीर मुक्त विश्वविद्यालय, कोटा में डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगी। इन संस्थानों को सरकार द्वारा फीस का भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बजट 2022-23 में बालिका डिस्टेंस एजुकेशन की इस योजना को लागू करने की घोषणा की थी।
राजस्थान की महिलाओं के लिए ये योजना काफी फायदेमंद साबित होगी। हर घर की महिलाओं तक एजुकेशन आएगा और इसमें उम्र की सीमा को भी तोड़ा जाएगा। हर उम्र की महिला अब पढ़ाई कर सकती है और डिस्टेंस एजुकेशन से खुद को शिक्षित बना सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 69.7% साक्षरता दर के साथ राजस्थान भारत में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य है। इसके अलावा, राजस्थान में महिला निरक्षरता सबसे अधिक है, जिसमें केवल 57.6% महिला आबादी शिक्षित है। महिलाओं के लिए लिये जाने वाले ऐसे कदम हर राज्य तक पहुंचने चाहिए। पढ़ाई पर सभी का पूरा हक है और इसका लाभ महिलाओं को भी उठाना चाहिए।