पूरे भारत में दुर्गा की धूम शुरू हो चुकी है। जी हां, आज से लेकर अगले 10 दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना में ही लीन रहेंगे। ऐसे में पंजाब के मोहाली जिले की पीर मुछल्ला की लड़कियों ने खास तैयारी की है। जी हां, इस बार सात साल की लड़कियों से लेकर 77 वर्ष की महिलाएं यहां रामलीला करती हुईं नजर आएंगी। यह दिलचस्प इसलिए भी है, क्योंकि अमूमन पुरुष ही राम लीला करते नजर आते हैं, ऐसे में महिलाएं भी अब इसमें आगे आ रही हैं, यह बेहद दिलचस्प है। नवरात्र के पहले दिन से लेकर अगले 10 दिनों तक यह कार्यक्रम होने वाला है। खास बात यह है कि इसमें समाजसेविका, वकील, फाइनेंशियल कंसल्टेंट, छात्राएं और घरेलू महिलाएं भी हिस्सा लेने वाली हैं। सभी ने अपने व्यस्त समय से इस गतिविधि के लिए खास समय निकाला है और इस त्योहार के मौसम को खास बनाया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए, न सिर्फ ये महिलाएं आर्थिक रूप से खुद को आजाद बनाने का काम कर रही हैं, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों को भी लेकर चल रही हैं और उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए थी। इसमें भाग लेने वाली महिलाएं इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि उन्हें अलग-अलग तरह के किरदारों को निभाने का मौका मिलेगा। जहां प्रतिभा सिंह नामक एक महिला को श्री राम का किरदार निभाने का मौका मिल रहा है, वकालत से जुड़ीं कुलवंत कौर संधू कुम्भकर्ण का किरदार निभाने जा रही हैं, अर्चना गुप्ता विभीषण और मोनिका सैनी परशुराम का किरदार निभाएंगी। सभी ने अपनी संवाद अदायगी पर भी पूरी तरह से काम किया है। खास बात यह है कि सभी महिलाओं का यह कार्यक्रम करने का यह भी उद्देश्य है कि वह एक महत्वपूर्ण संदेश महिला सशक्तिकरण को लेकर दे पाएं, इसलिए सभी ने अपने संवाद दब किये हैं। खास बात यह है कि इसमें उम्रदराज महिलाएं भी खूब हिस्सा लेने लगी हैं। इसमें कोई वहां के इंतजाम देख रही हैं, तो कोई चाय पानी का इंतजाम कर रही हैं। सभी महिलाओं को सबसे अच्छा यह लग रहा है कि सभी जय श्री राम का जयकारा करती रहती हैं। इस रामलीला का मंच हाउसिंग सोसायटी के पार्किंग एरिया में तैयार किया गया है, जहां लाइट्स और साउंड सिस्टम का भी इंतजाम किया गया है। साथ ही बैकग्राउंड में महिलाओं से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण संदेश भी रखे जा रहे हैं। खासियत यह भी है कि लगभग 700 लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा और रात के आठ बजे से लेकर 11 बजे तक इस शो का लाइव प्रदर्शन होगा।
वाकई में यह छोटी-छोटी खुशियां भी सामाजिक महिलाओं को सामाजिक चेतना जगाने में काफी योगदान देती है। सो, ऐसे आयोजनों का होना बेहद जरूरी है और यह भी जरूरी है कि समाज में महिलाओं की ऐसी गतिविधियों को और बढ़ावा दिया जाये।
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