महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति बेरोजगारी के हालात से गुजर सकता है। जी हां, आपने यह सही पढ़ा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए एक अहम फैसला लिया है, जो कि चर्चा का विषय बन गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने शहर की महिलाओं के लिए अब तक का सबसे अहम और बड़ा फैसला लिया है। आइए जानते हैं इस संबंध में विस्तार से।
आपराधिक मामलों को खत्म करने के लिए
देश के कई सारे शहरों में महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए कई सारे कानून और नियम बनाए गए हैं, इसके साथ ही सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नंबर से लेकर मोबाइल वेन की भी सुविधा मुहैया कराई गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं के साथ हुए सभी आपराधिक मामलों को खत्म करने को लेकर एक नया तरीका अपनाया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐलान किया कि महिलाओं से अपराध करने वाले आरोपियों को सरकारी नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा।
आरोपियों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट
मिली जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने यह फैसला लिया है कि महिलाओं, लड़कियों के साथ छोटी बच्चियों से छेड़छाड़, बलात्कार या फिर किस और तरह के महिलाओं से जुड़े अपराध करने वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी के लिए अपात्र घोषित किया जाएगा। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और उनकी अस्मिता को बनाए रखना हमारी सबसे पहली और बड़ी प्राथमिकता है। ऐसे में जो भी महिलाओं के साथ किसी भी तरह का अपराध करेगा, उसे सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। आरोपियों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में इस बारे में उल्लेख किया जाएगा। इसके साथ ही छेड़छाड़ करने वाले मनचलों का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा।
राजस्थान सरकार ने भी लिया महिला सुरक्षा के लिए फैसला
छत्तीसगढ़ सरकार से पहले राजस्थान सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए अहम फैसला लिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बात की जानकारी दी कि लड़कियों से छेड़छाड़ करना या फिर इस तरह की बुरी आदत को कई बार दोहराने वाले को राजस्थान में सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। राजस्थान सरकार भी महिलाओं के साथ अपराध करने वालों का चरित्र प्रमाणपत्र बनाएगी, जहां पर अपराधों का जिक्र होगा और फिर उससे सरकारी नौकरी से वंचित रखा जाएगा।
बदमाशों का रिकॉर्ड
इस पूरे मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। सभी बदमाशों का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए। साथ ही इन सभी अपराधियों पर कार्रवाई करनी चाहिए और सरकारी नौकरी से उन्हें अयोग्य ठहराना चाहिए। जो भी लोग इसका हिस्सा बनते हैं, उनका नाम कर्मचारी चयन बोर्ड में भेजा जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्हाट्सएप ग्रुप
महिला सुरक्षा को लेकर हाल ही में दिल्ली स्थित नोएडा में भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। गौरतलब है कि जिले में पुलिस कमिश्नर ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए 750 व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर 20 हजार लोगों को इससे जोड़ा है। उल्लेखनीय है कि 300 से अधिक महिला पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में ड्यूटी करने की भी हिदायत देते हुए 'मिशन शक्ति' का आगाज किया गया है। जिले में 55 ब्लैक स्पॉट खोज कर वहां पर सीसीटीवी की सुविधा कराई गई है, ताकि महिलाओं के साथ होने वाली किसी भी अप्रिय घटना पर निगरानी रखी जाए। वाकई, महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए जाने वाला उपाय महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामलों में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा।
75 जिलों को सुरक्षित सिटी
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाल ही कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। इसके कारण 17 नगर निगमों के अलावा गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर को सेफ सिटी बनाने का फैसला लिया है। इसके बाद भविष्य में महिला सुरक्षा को देखते हुए 75 जिलों को सुरक्षित सिटी बनाया जाएगा। सेफ सिटी में महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं दी जाएगी। इसमें प्रमुख तौर पर सिटी बसों में कैमरों के साथ किसी भी तरह की घटना होने पर पैनिक बटन भी लगाए जायेंगे। महिलाएं जैसे ही पैनिक बटन को दबाती हैं, तो कंट्रोल रूम तक उसकी सूचना पहुंच जाएगी। इसके साथ राज्य के लगभग सभी बाजारों और चौराहों पर पिंक टॉयलेट की भी सुविधा होगी। महिला पुलिस कर्मियों को पिंक स्कूटी दी जाएगी, जो कि स्कूल और कॉलेज के पास पेट्रोलिंग करेंगी।
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