छत्तीसगढ़ सरकार की प्लास्टिक बैग की मुहिम को महिलाओं का साथ मिल रहा है। जी हां, छत्तीसगढ़ की महिला समूह की महिलाओं ने कम्पोस्ट बैग के जरिए खुद के लिए रोजगार की तलाश कर ली है। महासमुंद जिले की ग्रामीण महिलाएं मानक रूप वर्मी कम्पोस्ट बैग बनाने का रोजगार कर रही हैं, इससे वह हर महीने हजारों की कमाई भी कर रही हैं। यहां की महिलाओं का मानना है कि प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को रोकने के लिए वैकल्पिक उत्पाद वर्मी कम्पोस्ट बैग, थैले, कागज के लिफाफे जैसे अन्य सामान बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बिरकोनी की राम जानकी स्वयं सहायता महिला समूह की महिलाएं लंबे समय से कम्पोस्ट बैग बनाने का कार्य कम लागत में कर रही हैं, जो कि शहरों के सी-मार्ट में बिक रहे हैं। इन महिलाओं ने मिलकर 5 हजार वर्मी कम्पोस्ट बैग का निर्माण कार्य कर चुकी हैं और उन्हें इस तरह के बैग बनाने के लिए लगातार ऑर्डर भी मिल रहे हैं। महिला समूह का मानना है कि बनाये गये बैग हल्के और मजबूत हैं, जिसके कारण इनमें किसी भी तरह का भारी सामान उठाना आसान है। इस वजह से इस तरह के बैग की मांग बाजार में अधिक है। महिलाओं के इस रोजगार को बढ़ावा देने का कार्य जिला प्रशासन भी कर रहा है और मशीन के साथ कच्चा माल उपलब्ध कराकर पूरा सहयोग दे रहा है। वाकई, पर्यावरण को लेकर महिलाओं का यह कदम सराहनीय है।
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