महिलाएं हैं और साड़ी पहन कर दौड़ लगा सकती हैं ! यह बात सुन कर हैरानी हो सकती है, लेकिन कुछ ऐसा कर दिखाया है, बंगलुरु की महिलाओं ने। जी हां, बंगलुरु की मल्लेश्वरम ग्राउंड के 18 वें रोड पर 1000 महिलाओं ने मैराथन में हिस्सा लिया है और उन्होंने साड़ी पहन कर खूब मजे लेकर दौड़ लगाई है। जाहिर है कि लोगों के बीच और खासतौर से सोशल मीडिया पर इस खबर ने काफी अधिक उत्सुकता बढ़ा दी है और महिलाओं को लेकर एक अलग ही उत्साह लोगों में देखने को मिल रही है। इस मैराथन में सबसे बड़ी खासियत यह है कि महिलाओं ने अलग-अलग पैटर्न, रंग और कई अंदाज की साड़ियां पहनी हैं और यही नहीं उन्होंने अपनी साड़ी से मैचिंग करते हुए शूज पहने हैं। हाल ही में एक एरोनॉटिकल इंजीनियर संजीव ने सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया तो लोगों ने इन्हें खूब देखा और वीडियो पूरी तरह से वायरल हो गया।
दरअसल, यह रन इन साड़ी मैराथन के अंतर्गत प्रोग्राम का हिस्सा रहा है। इसका आयोजन बंगलुरु के जयनगर जैगवार ने किया है और यह एक रनिंग अकादमी है। इसके आयोजकों का मानना है कि वह इस बहाने इसी सोच को बदलना चाह रहे हैं कि लड़कियां या महिलाएं साड़ी में ट्रेवल नहीं कर सकती हैं।
आयोजकों का कहना है कि महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा है और सभी खूब एन्जॉय कर रही हैं, सभी अपनी साथियों के साथ इसका हिस्सा बनीं।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से महिलाओं के लिए 18 सितंबर को साड़ियों में महिलाओं को चलने, जॉगिंग और 3 से 5 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए आयोजित किया गया था। यह मैराथन कार्यक्रम भी भारत भर में मैराथन कार्यक्रमों के लिए समर्पित वेबसाइट भागो इंडिया में सूचीबद्ध है। आयोजकों के अनुसार, अधिकांश महिलाओं का मानना है कि फिटनेस केवल उन लोगों के लिए एक विशेषाधिकार है, जो खास तरह के फैशनेबल कपड़े, शॉर्ट्स और अन्य फिटनेस से जुड़ीं चीजें पहनते हैं, जो फैशनेबल हो गए हैं। उनके अनुसार, इन धारणाओं के कारण बहुत सी महिलाएं इसमें भाग लेने से कतराती हैं, इसलिए हमने साड़ी में मैराथन का कॉन्सेप्ट लाया, ताकि महिलाओं की झिझक हटे और वह ज्यादा से ज्यादा इसमें हिस्सा ले सकें। उनका यह भी मानना है कि यह कार्यक्रम महिलाओं को फिटनेस को अपनाने में और सामाजिक परेशानी को दूर करने में मदद करने की एक छोटी-सी पहल है।
वाकई, यह एक बेहतरीन पहल है, क्योंकि इसी बहाने कुछ हद तक महिलाओं को झिझक तोड़ने में आसानी होगी और ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इसका हिस्सा बन सकेंगी।
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