भारतीय महिलाएं लगातार इन्हीं कोशिशों में जुटी हैं कि वह अपने लिए एक नया आकाश तैयार कर सकें, लेकिन अब भी उनके लिए एक बड़ा फासला तय करने की जद्दोजहद जारी है। ऐसे में भारत के पुलिस बलों से जुड़े जो आंकड़े सामने आये हैं, वह चौकाने वाले हैं। दरअसल, भारत के पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 12 प्रतिशत से भी कम है। जी हां, भारत के पुलिस बलों का 11. 7 प्रतिशत हिस्सा हैं, जिसमें लद्दाख पुलिस 28.3 प्रतिशत महिला घटक के साथ राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों का नेतृत्व करती हैं , जबकि जम्मू-कश्मीर अपने पुलिस संगठन में केवल 3.3प्रतिशत महिलाओं के साथ तालिका में सबसे नीचे है।
बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी साझा करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी, 2022 तक, 6 प्रदेशों में आंध्र प्रदेश दूसरे स्थान पर था, यहां पुलिस बल में महिलाओं का उच्चतम प्रतिशत 21.7 प्रतिशत है , इसके बाद चंडीगढ़ में 21.6 प्रतिशत है , बिहार में यह प्रतिशत 21.2 है और तमिलनाडु में यह 19.1 प्रतिशत है। गौरतलब है कि पुलिस में महिलाओं की सबसे कम हिस्सेदारी वाले राज्य जम्मू-कश्मीर में यह प्रतिशत 3.2 प्रतिशत है , त्रिपुरा में 5.3 प्रतिशत और मेघालय में यह 5.9 प्रतिशत हैं। इस बारे में नित्यानंद राय ने कहा कि गृह मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर अपने पुलिस बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर 33% करने के लिए दबाव बना रहा है। वर्ष 2019 में कई राज्यों के सीएसडीएस सर्वेक्षण से यह बात सामने आई थी कि कई महिलाओं ने अलग-अलग शौचालयों की अनुपलब्धता और कार्यस्थल उत्पीड़न की रिपोर्ट करने के लिए स्थानों की कमी जैसे खराब बुनियादी ढांचे के कारण असंतोष व्यक्त किया था ।
इन सबके बावजूद ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में अगर उनके लिए बुनियादी चीजें बेहतर की जाएं, तो यह स्थिति बेहतर हो सकती है और महिलाएं ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में आने के बारे में सोचेंगी।