भारतीय क्रिकेट महिला टीम धीरे-धीरे अपने लिए रास्ते तलाश रही हैं, यह अच्छी बात है कि महिलाओं के क्रिकेट को भी अब तवज्जो दिया जा रहा है। ऐसे में एक नयी खबर सामने आई है कि अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सहयोगी स्टाफ को दीर्घावधि अनुबंध( लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट) की पेशकश की जाएगी। जी हां, अब बीसीसीआई भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सहायक स्टाफ को तदर्थ आधार ( एड ऑन बेसिस या आधार) पर नियुक्त करने की प्रथा को समाप्त कर देगा और इसके बजाय उन्हें दीर्घकालिक संपर्क की पेशकश करेगा। गौरतलब है कि बीसीसीआई संविधान के अनुसार, मुख्य कोच को क्रिकेट सलाहकार समिति द्वारा चुना जाना चाहिए, जबकि चयनकर्ता सहयोगी स्टाफ चुनते हैं। ऐसे में महिला टीम के सहयोगी स्टाफ - बल्लेबाजी, क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी कोच के संदर्भ में नियम का अतीत में सख्ती से पालन नहीं किया गया है, क्योंकि बीसीसीआई ने अस्थायी आधार पर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी से कोचों की नियुक्ति की है।
वहीं बीसीसीआई के एक सूत्र ने इस बात की जानकारी देते हुए एक मीडिया एजेंसी को बताया है कि सभी कोचों को लंबी अवधि का अनुबंध दिया जाएगा और यह कोई अस्थायी व्यवस्था नहीं होगी जैसा कि हमने अतीत में देखा है। इससे टीम को काफी स्थिरता मिलेगी। इस फैसले को लेकर इसी रविवार यानी 9 अप्रैल को वर्चुअल एपेक्स काउंसिल की बैठक में फैसला लिया गया। गौरतलब है कि दिसंबर2022 में रमेश पोवार को बर्खास्त किए जाने के बाद से ही महिला क्रिकेट टीम में कोई भी नए कोच नहीं आये हैं, वहीं महिलाओं ने फरवरी में टी20 विश्व कप भी बिना कोचिंग स्टाफ के ही खेला है। सीनियर महिला टीम ने अभी तक विश्व खिताब नहीं जीता है और कोचिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना अगले आईसीसी आयोजन की तैयारी में पहला कदम होगा।यह बात उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023-2027 चक्र के लिए घरेलू सत्र, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों के मीडिया अधिकार भी एजेंडे का हिस्सा थे, लेकिन इस विषय पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।आईपीएल मीडिया अधिकारों से 48,390 रुपये करोड़ की अप्रत्याशित कमाई के बाद, बीसीसीआई को वर्ष 2023-2027 चक्र के मीडिया अधिकारों के लिए उच्च उम्मीदें होंगी।
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