हाल ही में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इंडिया सर्विसेज काउंसिल (डब्ल्यूटीसीआईएससी) के सहयोग से प्राइमस पार्टनर्स एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसके अनुसार रियल एस्टेट उद्योग में बहुत हद तक असमानता देखी गई है।
गौरतलब है कि रिपोर्ट विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाती है, जिनमें नर्सिंग, प्राथमिक और मध्य विद्यालय शिक्षण, सामाजिक कार्य, परामर्श और मानव संसाधन जैसे व्यवसायों शामिल है और वर्ष 2021 में भारत की महिला कार्यबल का 19 प्रतिशत शामिल है, जबकि वैश्विक औसत 46 प्रतिशत है।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में 7 लाख महिला श्रमिकों के खिलाफ 50 लाख पुरुष श्रमिक शामिल हैं। इनके साथ कदम ताल करने लिए और इनके समाधान की तलाश के लिए रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, चीन और पेरू से रियल एस्टेट और निर्माण में भागीदारी बढ़ाने के लिए अपनाई गई सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है।
रिपोर्ट द्वारा दिए गए कुछ सुझावों में कार्यस्थल सुरक्षा में सुधार के क्षेत्र में नीतिगत बदलाव, लैंगिक समानता को आधार मान कर प्रशिक्षण प्रदान करना, सभी स्तरों पर महिलाओं के लिए कौशल पहल शुरू करना और महिलाओं के एकीकरण में सुधार के लिए विशेष नवाचार और निवेश कोष का प्रावधान शामिल है। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकारी अनुबंधों में महिलाओं का लैंगिक समावेश, रियल एस्टेट में महिलाओं के नेतृत्व वाली कंपनियों के लिए निवेश कोष स्थापित करना, सभी स्तरों पर कौशल को सक्षम बनाना और एक समानता नीति का निर्माण करना, जो लैंगिक रुढ़िवादी सोच को बाधित करने के इरादे से महिला प्रतिनिधित्व को जरूरी मानती है।
रिपोर्ट के अनुसार रियल एस्टेट में महिलाओं को श्रम कार्यबल के साथ-साथ तकनीकी और नेतृत्व की भूमिकाओं में भी एक मजबूत वेतन अंतर का सामना करना पड़ता है। इस बात पर गौर करें तो तकनीकी भूमिकाओं में महिलाएं पुरुषों की तुलना में 30-40 फीसदी कम कमाती हैं और रियल एस्टेट में नेतृत्व की भूमिका वाली महिलाएं रियल एस्टेट में पुरुषों की तुलना में 15 फीसदी कम कमाती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है कि कुछ जरूरी कदम उठाये जाएं। इसके लिए कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें तो सरकारी अनुबंधों में लिंग समावेशन जरूरी है, साथ ही RERA में जेंडर क्वालिटी मॉनिटर में पारदर्शिता लायी जाए। रियल एस्टेट में महिलाओं की कम्पनी के लिए निवेश फंड का इंतजाम किया जाए। कंस्ट्रशन साइट्स, यानी जहाँ निर्माण हो रहा है, वहां महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह बनाएं। साथ ही करियर इनोवेशन फंड और उनके प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए।