यह अनोखी बात है कि महिलाएं अब बैंक का कार्यभार संभाल रही हैं। जी हां, घरों की चारदीवारी से निकल कर अब महिलाएं बिहार के भोजपुर जिले की 175 बैंक शाखाओं का संचालन कर रही हैं, हर बैंक में एक महिला को नौकरी मिल रही है। इस नौकरी की वजह से महिलाएं अपने समाज में सिर उठा कर सम्मान की जिंदगी जी रही हैं। ख़ुशी की बात यह है कि वे तकरीबन 20 हजार रुपये कमा रही हैं, जीविका के अंतर्गत उनकी यही कोशिश है कि हर पंचायत में ऐसे बैंक खोले जाएं, चूंकि अभी भोजपुर में 172 बैंक सखी का संचालन हो रहा है इसे और अधिक बढ़ाये जाने पर बातचीत हो रही है। अच्छी बात यह है कि यह 24 घंटे खुले रहते हैं। साथ ही आप किसी भी बैंक के खाताधारक हैं, तो यहां से पैसे निकाल सकते हैं। इस बैंक से जुड़ने के लिए महिलाओं का इंटर पास होना जरूरी है और भोजपुर जिले में मात्र 172 बैंक सखी इसे प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये का लेनदेन जारी है। इसमें संचालिका को साढ़े तीन प्रतिशत कमीशन मिलता है और महिलाएं 18 से 20 हजार कमा रही हैं, गौरतलब है कि लॉक डाउन में बैंक सखी ने गांव में पेंशनर, विद्यार्थियों और प्रधानमंत्री गरीब योजना की राशि में भी मदद की है। अच्छी बात यह भी है कि महिलाओं को बैंक सखी खोलने के लिए ग्राम संगठन के माध्यम से जीविका 50 हजार रुपये का सहयोग दे रही हैं, महिलाएं अपने घर में ही बैंक खोल सकती हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा से लेकर हर तरह का इश्योरेंस भी करवा सकती हैं। साथ ही सुकन्या खाता, अटल पेंशन योजना जैसी चीजों में खाता खुलवाने पर बैंक सखी को कमीशन मिलता है।
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