यह बेहद जरूरी है कि किसी कारणवश जिन महिलाओं को जेल जाना पड़ा है और किसी कारण उनको सजा मिली है, उनकी तरफ भी ध्यान दिया जाए, उनके मानसिक विकास को विकसित करने के बारे में कदम उठाये जायें। ऐसे में राजस्थान के नागौर जिले में एक अच्छी पहल की गई है और इसकी सराहना पूर्ण रूप से की जानी चाहिए।
जी हां, महिला और बाल विकास विभाग की ओर से महिला कैदियों को शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। एक कार्यक्रम के दौरान इस बारे में जानकारी दी गई है कि जेल में बंद महिलाओं के लिए कुछ उचित कदम उठाये जायेंगे। गौरतलब है कि जिला कारागृह में मौजूद महिला कैदियों के मानसिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। निर्णय लिया गया है कि महिला कैदियों को कक्षा 10 वीं और 12 वीं की पढ़ाई के लिए जेल में रहते हुए ही प्रेरित किया जाएगा और उन्हें जरूरी किताब और कॉपियां उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके लिए यहां के मुख्य प्रहरी गणेश धुंधवाल ने अहम जिम्मेदारी ली है।
यही नहीं इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया है कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना में मिलने वाले 10 लाख तक के लोन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। साथ ही विभिन्न एनजीओ को कारागृह में निरुद्ध महिलाओं के लिए काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है और साथ ही अपील की गई है, ताकि जेल में बंद महिलाओं का विकास हो सके। एक और महत्वपूर्ण बात यह भी कही गई है कि जिला कारागृह उपाधीक्षक राजमहेंद्र ने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया कि जेल में स्थित लाइब्रेरी से अधिक से अधिक पुस्तकें प्राप्त कर खाली समय में पढ़ने के इस्तमाल की जा सकती हैं।
इस दौरान उपकारापाल जयसिंह, तुलसीराम, सुमन खिलेरी आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर अनेक प्रकार की जानकारी देकर उनको जागरूक भी किया गया। बता दें कि इसी कार्यक्रम में राकेश सिरोही, शिल्पा आडवाणी और नेहा माथुर भी उपस्थित थे।