उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नयी शुरुआत की है। जी हां, अब उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक दिन ऐसा होगा, जहां महिला सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाएगा। एक दिन खासतौर से उन्हें ही समर्पित होगा कि वह अपनी बातों को रख पाएं। गौरतलब है कि 19 सितंबर से उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस बार यह सत्र महिलाओं के लिए एक यादगार सत्र होगा, क्योंकि इस बार एक खास दिन सिर्फ महिला सदस्यों को बोलने की प्राथमिकता दी जायेगी। इस दिन प्रश्नकाल के बाद महिलाओं को विभिन्न विषयों पर बोलने का मौका दिया जाएगा। दरअसल, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 10 अगस्त को महिला विधायकों के साथ बैठक की थी। बैठक में महिला विधायकों ने उनसे कहा था कि सदन में उन्हें अपनी बात रखने का समुचित अवसर नहीं मिलता है। इस पर विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें आश्वस्त किया था कि विधानमंडल सत्र के दौरान उन्हें यह मौका जरूर मिलेगा कि वे अपनी बातों को रख पाएं।गौरतलब है कि 19 सितंबर से शुरू हो रहे इस सत्र के दौरान महिलाएं अपने मुद्दों को खुल कर सामने रख पाएंगी। वाकई, महिलाओं के मुद्दे भी अब प्रमुखता से विधानमंडल की बैठक में उठ पाएंगे, यह एक बेहतरीन पहल है, जिसकी सराहना होनी चाहिए, ऐसे ही छोटे कदमों से तो बड़ी मंजिल को तय करने में महिलाओं को आसानी होगी। इस तरह के और भी सार्थक कदम उठाये जाने ही चाहिए। मुमकिन है कि इस पहल से अब ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की समस्या सामने आ पायेंगी और उनके लिए ठोस कदम उठाने की भी कोशिशें होंगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सदस्य हैं, जिनमें से केवल 47 महिलाएं हैं।