महिलाएं अपनी प्रतिभा और मेहनत के बलबूते बीते कई सालों से इतिहास कायम करती आयी हैं। इस फेहरिस्त में महाराष्ट्र की महिलाओं का भी नाम जुड़ चुका है। जी हां, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 75 साल के इतिहास में पहली बार महिलाएं बसे चलायेंगी। इसके लिए एमएसआरटीसी ने 28 महिला ड्राइवरों की नियुक्ति की है, हालांकि इन महिलाओं को बस चलाने के लिए चयन करने से पहले ट्रेनिंग दी गई है। इसके अनुसार जिन भी महिलाओं के पास भारी वाहन को चलाने का लाइसेंस मौजूद था, उन सभी को 3 महीने की ट्रेनिंग दी गई है, लेकिन जिन महिलाओं के पास लाइसेंस नहीं था, उन्हें बस को चलाने के लिए एक साल की ट्रेनिंग दी गई है। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने ट्रेनिंग लेने वालीं सभी महिलाओं के लिए ड्राइविंग परीक्षा का भी आयोजन किया गया। इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुईं महिलाओं को अलग से 80 दिनों की बस चलाने की ट्रेनिंग दी गई। इसमें से कई महिलाएं महाराष्ट्र की सड़कों पर बस चलाने का कार्य शुरू कर चुकी हैं, उन्हीं में से एक माधवी संतोष साल्वे हैं, जो कि सिन्नर-नासिक रूट की बस में बतौर महिला ड्राइवर कार्यरत हैं और अपना काम बखूबी कर रही हैं। गौरतलब है कि साल 2019 में सीधी भर्ती योजना के अनुसार 206 महिला ड्राइवरों का चयन बस चलाने के लिए किया गया था। लेकिन महामारी के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई और कई सारी चयनित महिलाओं में से कुछ महिलाओं ने इस प्रक्रिया से बाहर होने का फैसला किया। वाकई, सरकारी बसों में महिला ड्राइवरों को आगे की सीट पर देखना, हर उस महिला के लिए गर्व की बात है, जो जीवन में हर मुश्किल काम को मुमकिन करने का निर्णय लेती हैं।
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