इससे सभी वाकिफ हैं कि केले को खान-पान में शामिल करना सेहत के लिए सेहतमंद पर्याय है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि महिलाएं केले के तने को रोजगार के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। जी हां, उत्तर प्रदेश के अमेठी के सिंहपुर ब्लॉक की महिलाएं केले के तने से कई जरूरत की चीजें बनाकर खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं। मालूम हो कि सिंहपुर ब्लॉक में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं केले के तने से जरूरत के सामान जैसे, पर्स, टोपी, बैग और चटाई के साथ कई अन्य आवश्यक चीजों का निर्माण कर रही हैं साथ ही इन पेड़ों की जड़ों से महिलाएं खाद भी बना रही हैं, जो कि खेती के लिए सबसे आवश्यक माना जाता है। हालांकि शुरू में केवल सिंहपुर ब्लॉक की केवल कुछ ही महिलाएं केले के डंठल से फाइबर निकालने के साथ केले के तनों से जरूरत की सामग्री बना रहीं थीं, वहीं इस काम में रोजगार के अवसर और आर्थिक बल को देखते हुए अन्य महिलाएं भी इस स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई हैं,जिसकी वजह से 15 से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल चुका है। उल्लेखनीय है कि केले की खेती के दौरान तनों से निकलने वाले कचरे का उपयोग महिलाएं उपयोगी सामान बनाने के लिए कर रही हैं, जो पर्यावरण को सुरक्षित और उपयोगी दोनों बना रहा है।