यह हर उस महिला के लिए बेहद गर्व की बात है, जो यह सपना देखती हैं कि उन्हें जीवन में नयी और ऊंची उड़ान हासिल कर लेनी है। जी हां, लांस नायक मंजू ने उन सभी के लिए उम्मीद की किरण दिखाई है। लांस नायक मंजू सेना की पहली स्काई डाइवर बनी हैं। उन्होंने एक नया इतिहास रचा है, उन्होंने 10 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। इंडियन आर्मी की महिला सैनिक लांस नायक मंजू ने असम के मिसामारी के पास ड्रॉपजोन में 10, 000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा कर एक खास उपलब्धि अपने नाम कर ली और वह इंडियन आर्मी की पहली महिला स्काई डाइवर बन गई हैं।
लांस नायक मंजू ने अपनी इस उपलब्धि को अपने दिमाग और मेहनत के साथ तालमेल बिठा कर हासिल किया है। उन्होंने उन्नत हल्के हेलीकाप्टर (ALH) ध्रुव से इसे अंजाम दिया है। ध्रुव हेलीकाप्टर से 10,000 फुट की ऊंचाई पर जाने के बाद, उन्होंने वहां से छलांग लगा कर इस अद्वित्य उपलब्धि को हासिल किया है। जाहिर है कि लांस नायक मंजू की यह उपलब्धि निश्चित रूप से भारतीय सेना में दाखिल होने के लिए महिलाओं को प्रेरित करेगी।
अपनी उपलब्धि हासिल करने के बाद, उन्होंने बड़ा ही प्यारा संदेश लोगों तक पहुंचाया है, उन्होंने कहा है कि 'पक्षी ने जब अपने पंखों पर भरोसा करना सीख लिया, तो समझो उसने आकाश को जीत लिया'', कुछ ऐसा ही विश्वास लांस ने खुद पर किया है और आज उन्होंने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है।
बता दें कि लांस नायक मंजू ने 14 दिसंबर 2019 को इंडियन आर्मी ज्वाइन किया था। वह हरियाणा की रहने वाली हैं और उनके साथी सैनिक उन्हें पूर्ण योद्धा बताते हैं, जो अपने रास्ते में आने वाली चुनौतियों से बिल्कुल नहीं घबराती हैं। मंजू एक किसान परिवार से संबंध रखती हैं और उनकी परवरिश हरियाणा के ही जींद जिले के नरवाना धमटन साहिब में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा धमटन से ही पूरी की, फिर उच्च शिक्षा के लिए वह बेंगलुरु चली गई थीं। फिर मिलिटरी पुलिस की सिपाही के रूप में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई थी।
वर्ष 2019 में, वह भारतीय सेना की 51 सब एरिया प्रोवोस्ट यूनिट में शामिल हुईं। बेंगलुरु में लगभग 61 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद, मंजू को असम में तैनात किया गया था। फिर उन्होंने यहां एक सैन्य पुलिस के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वाहन शुरू किया। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी की पहली पारी की शुरुआत गोलपारा से की थी, जहां उन्हें सैन्य इकाइयों में कानून और व्यवस्था बनाये रखने का काम सौंपा गया था।