देश भर के लिए इससे खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती है कि भारत में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग अब आसान होने जा रही हैं, क्योंकि इससे लड़ने के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन मिलने जा रही है। जी हां, यह वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से बनाई गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से 1 सितंबर को वैक्सीन लांच हो गई है और इसके साथ ही एक नए अध्याय की शुरुआत हो गई है। एक नया इतिहास रचा जा रहा है।
गौरतलब है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI) ने हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीका ( वैक्सीन ) बनाने की पूर्ण रूप से अनुमति दे दी थी।
यह वैक्सीन स्वदेशी तौर पर विकसित देश की पहली क्वाड्रिवेलेट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) होगी। इस वैक्सीन को स्वदेशी तौर पर डीसीजीआई की ओर से मार्किट में ऑथराइजेशन मिला था। फिलहाल भारत अब तक विदेशों से टीका लेता रहा है और जहां तक इसकी कीमत की बात की जाये, तो यह काफी ज्यादा है।
नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि मेड-इन-इंडिया वैक्सीन लॉन्च करना हम सबके लिए एक खास अनुभव है।
उन्होंने कहा “ हम सभी इस बात से खुश हैं कि हमारी बेटियां और उनकी आगे की जेनरेशन भी अब इस बहुप्रतीक्षित टीका को प्राप्त करने में सक्षम होंगी"। दरअसल, यह कुछ महत्वपूर्ण टीकों में से एक टीका है। ऐसे में अब भारतीय टीके उपलब्ध होंगे। डॉ अरोड़ा ने इस पर आगे बताया है कि यह एक सार्थक कदम है और यह सर्वाइकल कैंसर को रोकता है, क्योंकि 85% से 90% मामलों में, सर्वाइकल कैंसर इस विशेष वायरस के कारण होता है और यह वैक्सीन उन वायरस के खिलाफ है। इसलिए, यदि हम इसे अपने छोटे बच्चों और बेटियों को देते हैं, तो वे इस संक्रमण से सुरक्षित हो सकती हैं और फिर इसका परिणाम होगा कि शायद 30 साल बाद, वह कैंसर की चपेट में नहीं आएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी वैश्विक बाजार में कमी थी। अब भारतीय टीका आ गया है। लेकिन हम अब अपने भारत में बने टीके के अंतर्गत अपनी आवश्यकताओं का ध्यान रखने में सक्षम होंगे। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 से अब तक भारत में सर्वाइकल कैंसर से 41,91,000 महिलाओं की मौत हो चुकी है। बता दें कि सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर हैं, जो सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं) सेल्स में होता है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) जो कि एक यौन संचारित संक्रमण है और यह वायरस सर्वाइकल कैंसर पैदा करने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार माना गया है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन पहले नौ से 14 साल की लड़कियों को दी जा सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ये 15 से 44 साल की आयु की महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है।
वाकई, इससे लड़कियों की बेहतर सेहत के लिए ठोस कदम होगा।
*Image used for representative purpose.