विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत के विद्यालयों के एजुकेशन सिस्टम में व्यापक बदलावों की सिफारिश की है, जिसमें छात्रों के लिए कई एग्जिट और एंट्री पॉइंट्स और एक क्रेडिट सिस्टम शामिल हैं। यह व्यापक नीति, जो मोदी सरकार की व्यापक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2000 के तहत आती है, उन छात्रों के लिए स्कूल स्तर पर कई एंट्री और एग्जिट विकल्प पेश करना चाहती है, जो या तो व्यावसायिक प्रशिक्षण की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं या किसी कारण से स्कूल न जाने में असमर्थ हैं और स्कूल छोड़ना चाहते हैं। दरअसल, यह एक ऐसा विकल्प है, जो उन बच्चों के लिए काफी अच्छा है, जो होम स्कूलिंग के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। अभी वर्तमान की बात की जाए, तो होम स्कूलिंग की कोई नीति नहीं है। वर्तमान नीति के अनुसार किसी भी छात्र को आगे के अवसरों के लिए क्रेडेंशियल्स के रूप में अपने कक्षा 10 और कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। वहीं एनसीआरएफ का कहना है कि होमस्कूलिंग, ऑनलाइन शिक्षा और वैकल्पिक शिक्षा को मान्य करना चाहिए और छात्रों को उनके प्रमाण पत्र और डिप्लोमा का काम देना चाहिए।
इससे जुड़े डॉक्युमेंट में इसका उल्लेख किया गया है कि ऐसे मौके आते हैं जब सीखने वालों को वैकल्पिक स्कूली शिक्षा, होमस्कूलिंग, ऑनलाइन स्कूली शिक्षा का सहारा लेना पड़ता है या विभिन्न कारणों से अपनी शिक्षा बीच में छोड़नी पड़ती है। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क इस संबंध में एक इनेबलर के रूप में कार्य करेगा और नियामकों को उनके द्वारा पेश किए जा रहे कार्यक्रमों के प्रवेश और निकास मानदंड को परिभाषित करने की आवश्यकता होगी।
साथ ही इस नीति में इस बात का उल्लेख किया गया है कि फ्रेमवर्क संयुक्त रूप से कई शैक्षिक निकायों – UGC, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और स्कूल से कॉलेज तक छात्रों के बिना बाधा के ट्रांजिशन को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा विकसित किया गया है। साथ ही यहां यह भी बता दें कि एक छात्र द्वारा पूरे किये गए घंटों की संख्या और पूरे किये कोर्स वर्क के मुताबिक क्रेडिट सिस्टम कोर्स वर्क के अनुसार स्कोरिंग के मौजूदा सिस्टम को रिप्लेस करेगा। गौरतलब है कि यूजीसी के नोटिस ने स्कूलों को पॉलिसी को कई चरणों में लागू करने की सलाह दी है।
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