पर्यावरण की सुरक्षा और जागरूकता विश्व की जरूरत है, ऐसे में लगातार पर्यावरण को लेकर कई सारी ऐसी खबरें सामने आती रही हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग के खतरे की तरफ इशारा करती है। साल 2013 में पर्यावरण को लेकर कुछ चुनिंदा प्रेरणादायक और राहत की खबरें भी आयी हैं, जिस पर एक दफा गौर करना जरूरी है। आइए जानते हैं विस्तार से।
ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम
पर्यावरण मंत्रालय ने ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम का मसौदा तैयार किया है। इसके जरिए निजी क्षेत्र के उद्योगों और कंपनियों के अलावा कई सारी संस्थाओं को पर्यावरण से जुड़े अपने दायित्व को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ज्ञात हो कि ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसान उत्पादक संगठनों, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के साथ कई सारे अन्य क्षेत्रों को पर्यावरण से जुड़े सकारात्मक कार्य करने के लिए कई लोगों को एक साथ जोड़ा जाएगा।
प्लास्टिक दो सोना लो
प्लास्टिक मुक्त धरती को लेकर देश के विभिन्न शहरों में कई तरह के अभियान लंबे समय से चलाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी इसमें पूरी तरह से सफलता हासिल नहीं हुई है, वहीं एक गांव ने प्लास्टिक मुक्त बनकर नई मिसाल कायम की है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 20 क्विंटल प्लास्टिक कचरा निकालकर एक सोने का सिक्का दिया जाता है। इस योजना को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सदीवारा गांव में लागू किया जा रहा है। यहां के सरपंच ने प्लास्टिक मुक्त करने के लिए एक पहल शुरू की है, उनका इरादा अपने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाना है। सरपंच के चलाए गए अभियान प्लास्टिक दो सोना लो के कारण पूरा गांव केवल 15 दिनों में प्लास्टिक मुक्त घोषित कर दिया गया है। नतीजा, यह हुआ है कि इस गांव के बगल वाले गांव भी इस योजना को लागू कर रहे हैं।
वीगन डाइट से पर्यावरण सुरक्षित
पर्यावरण का एक अहम हिस्सा खान-पान से भी जुड़ा हुआ है। हाल ही में एक अध्ययन में यह ज्ञात हुआ है कि वीगन डाइट से पर्यावरण को काफी हद तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे लेकर एक अध्ययन किया गया, जिसमें 55 हजार लोगों की खाने की आदतों पर ध्यान दिया गया। इसमें ज्ञात हुआ है कि ग्रीन हाउस गैस एमिशन, भूमि उपयोग, जल उपयोग, जल प्रदूषण को नुकसान हो रहा है। इस अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग शाकाहारी डाइट का पालन करते हैं, उन पर पर्यावरण का प्रभाव उन लोगों की तुलना में केवल 30 प्रतिशत तक होता है, जो लोग बहुत अधिक मांसाहारी खाने का सेवन करते हैं। इस अध्ययन में इस पर भी फोकस किया गया है कि स्पेन में ग्रीन हाउस में उगाई गई गाजर का यूके के किसी दूसरे खेत में उगाई गई गाजर की तुलना में अलग तरह का प्रभाव पड़ता है। दिलचस्प है कि सबसे कम टिकाऊ शाकाहारी खाना भी सबसे टिकाऊ मांसाहारी खाने की तुलना में पर्यावरण के अधिक अनुकूल पाया गया।
ग्लोबल वार्मिंग ऐसे हो सकती है कम
ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण पृथ्वी की सतह के औसत तापमान में बढ़त होती है, इसे ही ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। एक वैज्ञानिक का कहना है कि अगर धरती को एक या 2 प्रतिशत तक सबसे सफेद रंग से ढक दिया जाने से गर्मी को कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का सोचना है कि धरती के एक बड़े हिस्सा, घरों और कार्यालय की छतें सफेद रंग से पोत दी जाने पर गर्मी कम हो सकती है। ज्ञात हो कि दो साल पहले अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने सफेद रंग बनाने का दावा भी किया था, जिससे पृथ्वी की सतह ठंडी हो सकती है।
झारखंड के एक गांव ने कायम की मिसाल
पर्यावरण के लिहाज से झारखंड के एक गांव ने मिसाल कायम की है। रामगढ़ जंगल पर्यावरण का सुरक्षित स्थान बन चुका है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि रामगढ़ जिले में एक लाख 23 हजार 352.96 एकड़ वन भूमि है और 299 गांव के वन क्षेत्र को इसमें शामिल किया गया है। यहां पर तेजी से पेड़ भी लगाए भी जा रहे हैं और पेड़ बढ़ भी रहे हैं। यह वन क्षेत्र 25 किमी के एरिया में फैला हुआ है। दिलचस्प है कि यहां के लोग हर खास दिन पर पौधारोपण करते हैं, जिससे जंगल का विकास हुआ है। यहां पर पेड़ काटने पर जुर्माना है और जो इसकी सूचना देता है उसे प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। जाहिर सी बात है कि यहां के ग्रामीण लोगों के प्रयास से जंगल के साथ जल, जीवन और वन प्राणी सहित प्रकृति से जुड़ी कई सारे वस्तु संरक्षित हैं।