आंगनबाड़ी और बाल विकास को देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक अहम जानकारी सामने लायी है। इसके अनुसार मनरेगा कार्यकर्ता साल 2023 में 75 प्रतिशत आंगनबाड़ी का निर्माण करेंगे। माना जा रहा है कि मनरेगा के साथ मिलकर कुल 20 हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जायेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण के 12 लाख रुपए की लागत को भी बांटा जाएगा, जिसके तहत 8 लाख रुपए मनरेगा योजना के तहत दिए जायेंगे। वहीं बचे हुए 4 लाख रुपए केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक साथ मिलकर समान मात्रा में भुगतान करेगी। इस पूरे मामले को लेकर केंद्र सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि इससे पहले देश में 27 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों की मांग की गई थी, जिनमें से 20 हजार आंगनबाड़ी का निर्माण मनरेगा के अंतर्गत किया जाएगा। इस बीच महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी है कि आंगनबाड़ी के निर्माण के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों और अन्य जगहों से दान ( डोनेशन) लेने के अलावा राज्य सरकार सीएसआर ( कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी ) फंड की भी मांग कर सकती है। मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शौचालय, जल संचयन के साथ आंगनबाड़ी के लिए बुनियादी जरूरतों के लिए भी धन की मांग कर सकती है। इस पूरी योजना के लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि वे आंगनबाड़ी के लिए क्षेत्रों की जनसंख्या, बच्चों की संख्या और पहले से मौजूद आंगनबाड़ी केंद्रों को ध्यान में रखते हुए एक समीक्षा तैयार करें, ताकि सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों की वास्तविक स्थिति को लेकर कार्रवाई शुरू कर सकें। उल्लेखनीय है कि सरकार ने आंगवबाड़ी की गिनती बढ़ाकर ग्रामीण स्तर पर महिलाओं एवं बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक बल दिया है।