डिजिटल भारत की तरफ बढ़ता हमारा देश आए दिन नए-नए माइलस्टोन को पा रहा है। सरकार की तरफ से डिजिटल सुविधा तकरीबन हर गांव तक पहुंच रही है। हर कोई अब डिजिटल दुनिया के लाभ उठा पा रहा है। देश के युवाओं से लेकर दूर-दराज बैठे कारीगर भी अपने काम को पहचान दिलाने में कामयाब हो रहे हैं। ऐसे में कपड़ा मंत्रालय की तरफ से एक और खुशखबरी आई है जिसके चलते देश भर के कपड़ा कारीगर जो हैंडमेड कपड़ों पर काम करते हैं उन्हें डिजिटल फायदे हो सकते हैं और उनके काम को पहले से ज्यादा मार्केटिंग मिल सकती है।
कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डिजिटल समावेश को प्रोत्साहित करने और कारीगरों और बुनकर समुदाय को सशक्त बनाने के लिए, डेवलपमेंट कमिशनर (हस्तशिल्प) के कार्यालय ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मार्केटिंग कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आए आवेदन का स्वागत किया है और इसकी प्रक्रिया शुरू की है।
मंत्रालय के अनुसार, कारीगरों को अपनी उपज बेचने में सहायता करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न हिस्सों में सालाना लगभग 200 घरेलू मार्केटिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आवेदन से लेकर चयन तक की ऑनलाइन प्रक्रिया और अंत में स्टाल, पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड है, बिना किसी के रुकावट के। ऑनलाइन प्रक्रिया सभी कारीगरों को समान, निष्पक्ष और पारदर्शी अवसर प्रदान करेगी। कारीगरों को शिक्षित करने के उद्देश्य से आवेदन जमा करने पर व्यापक को दिशा-निर्देश सभी संबंधितों से परिचय करवाया जाएगा।
डेवलपमेंट कमिशनर (हस्तशिल्प) के कार्यालय ने भारतीय हस्तशिल्प पोर्टल (http://indian.handicrafts.gov.in) लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से सभी पात्र कारीगर मार्केटिंग कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि कारीगर पहचान कार्ड नंबर के साथ लॉगिन कर सकते हैं, इसके बाद रजिस्टर किये गए मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।