एक तरफ सेना में महिलाएं अपना कद बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ कई महिलाएं ऐसी हैं, जो कि पुलिस में कार्यरत रहकर देश और विदेश में ख्याति बटोर रही हैं। कई महिलाओं के लिए ऐसे ही प्रेरणादायक उदाहरण बनी हैं, उत्तर प्रदेश की महिला कांस्टेबल सरिता शर्मा, जिन्होंने गोल्ड जीतकर उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम रोशन किया है। कनाडा में आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने यह साबित किया है कि पुलिस में तैनात महिलाएं भी अपनी प्रतिभा से देश का नाम ऊंचा कर सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से ऐसी ही महिलाओं के बारे में जो कि पुलिस में तैनात होकर तिरंगे की शान को बढ़ा रही हैं।
कनाडा में सरिता शर्मा को मिला गोल्ड
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की महिला कांस्टेबल सरिता शर्मा वैसे मूल रूप से उत्तराखंड की निवासी हैं, लेकिन बतौर पुलिस उनकी तैनाती सहारनपुर में है। साल 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस में उनकी नियुक्ति हुई, हालांकि वह कोलकाता और चेन्नई के अलावा कई जगहों पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी हैं। इस बार कनाडा में हुए तीन किमी स्टीपल चेस दौड़ प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया है। इस रेस में सरिता ने 35 बाधाओं को पार करके गोल्ड हासिल किया है। सरिता शर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से एकमात्र ऐसी खिलाड़ी रही हैं, जो कि इस इंटरनेशनल गेम्स में शामिल हुई थी।
कैप्टन प्रतिमा भुल्लर बन गईं रोल मॉडल
भारतीय मूल की कैप्टन प्रतिमा भुल्लर माल्डोनाडो न्यूयॉर्क पुलिस विभाग में सर्वोच्च रैंकिग वाली दक्षिण एशियाई महिला बनी हैं। 45 साल की प्रतिमा मूल रूप से पंजाब की रहने वाली हैं, 9 साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका चली गई थीं। विदेश में रहते हुए भी वे कई सारी दक्षिण एशियाई महिलाओं के लिए रोल मॉडल होने के साथ कई सारी भारतीय महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बनी हैं। उन्होंने यह बताया है कि विदेश में रहते हुए भी कैसे वह भारतीय होने का गर्व हासिल कर रही हैं।
अंकिता शर्मा की आईपीएस बनने के लिए कठिन ट्रेनिंग
छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस अंकिता शर्मा भी कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। आईपीएस की वर्दी पहने के लिए अंकिता शर्मा ने शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग के दौरान ही खुद के सफर को कड़ा बना लिया। वो केवल 3 से 4 घंटे तक सोती थीं। पहले और दूसरे प्रयास में पीछे होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और आईपीएस बनने के लिए तीसरे प्रयास में यूपीएससी 2018 में 203 वीं रैंक को पाकर होम कैडर छत्तीसगढ़ में आईपीएस बनी हैं। आईपीएस अंकिता शर्मा कई महिलाओं के लिए इसलिए प्रेरणा बनी है कि कैसे देश की सेवा करने के लिए उन्होंने परिश्रम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
किसान की बेटी बन गई सब इंस्पेक्टर
तेलंगाना की मुत्याला रमा भी कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इसकी वजह यह है कि शादी के बाद भी उन्होंने देश सेवा का प्रण लिया। 28 साल की मुत्याला रमा तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के कद्दाम मंडल के छोटे से गांव गंगापुर की निवासी हैं। शादी के बाद भी उन्होंने पुलिस बनने के हौसले को जिंदा रखा। हैदराबाद जाकर उन्होंने पुलिस कांस्टेबल और एसआई भर्ती की तैयारी पूरी की। तेलंगाना एसआई भर्ती परीक्षा में उन्होंने 225 अंक हासिल किए और इसके बाद तेलंगाना पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर शामिल हुई।
बिहार की पहली महिला आईपीएस
बिहार की पहली महिला आईपीएस मंजरी जरुहर देश की पांच महिला अफसरों में से एक हैं। बचपन से उनका सपना आईपीएस बनने का था। शादी टूटने के बाद उन्होंने अपना सपना पूरा करने का फैसला किया। सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए वे दिल्ली गयीं। 1976 में वह आईपीएस अधिकार बनीं, हालांकि फिलहाल वह रिटायर हो चुकी हैं। उन्होंने एक किताब मैडम सर भी लिखी है। इस किताब में उन्होंने बताया है कि सहना गलत है। आवाज उठाना सही है।
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