महिलाएं लगातार खुद को पैरों पर खड़े होने के लिए हर संभव प्रयास करने की कोशिश में जुटी रहती हैं। सबसे खास बात यह है कि ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने यह कसम खा ली है कि वह यूं ही हाथों पर हाथ रख कर नहीं बैठेंगी, वे खुद से कुछ न कुछ नए अवसरों की तलाश करेंगे। राजस्थान के भरतपुर के जघीना गांव में महिलाएं एक समूह बना कर अगरबत्ती का व्यवसाय कर रही हैं और आजीविका अर्जित कर रही हैं। वाकई में इन महिलाओं की सोच काफी सराहनीय है कि महिलाओं ने सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। इन महिलाओं ने आपस में गॉसिप या बातचीत करने की बजाय समय का सही इस्तेमाल करने का निर्णय लिया और फिर वहां की महिलाओं के समूह ने अगरबत्ती बनाना शुरू किया। इसकी शुरुआत लगभग 12 महिलाओं ने किया, इन्होंने 500 रुपये की लागत से तैयार अगरबत्ती लगा कर 1500 रुपये के आस-पास कमाना शुरू किया है, यानी कि इनकी दोगुना से भी अधिक कमाई हो रही है। यही वजह है कि इसके माध्यम से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में पूर्ण रूप से सुधार हो रहा है। सभी महिलाएं हर सप्ताह में 20-20 रुपये की छोटी-छोटी बजट करती हैं। फिर अपने घर के कामों से जब उन्हें खाली समय मिलता है, वे अगरबत्ती बनाने में जुट जाती हैं। गौरतलब है कि इन्होंने शुरुआती दौर में अगरबत्ती बनाने का सात दिनों के लिए प्रशिक्षण लिया। इसके बाद, उन्होंने एक हजार रुपये का लोन लिया और फिर अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल जुटाया, बता दें कि दो घंटे में लगभग 1000 अगरबत्ती बन जाती है, पहले इन्होंने गांव में ही इसे बेचना शुरू किया और अब गांव से बाहर भी अगरबत्ती बेची जा रही है।
वाकई में, केवल दो घंटे का इस्तेमाल करके जिस तरह से महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं, वह अद्भुत है और अनोखा है। ऐसे में ये महिलाएं प्रेरणा हैं कि किस तरह से वाकई में महिलाओं को ऐसे रोजगार के तरीके ढूंढ कर, बिना वक्त की बर्बादी किये कुछ न कुछ नया करने के बारे में जरूर सोचना चाहिए, फिर चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में हो।
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