देश भर में महिलाएं लगातार मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कर रही हैं, ऐसे में यह खबर संतोषजनक है कि मध्य प्रदेश के भोपाल के नजदीक के गांव इमलिया में 90 प्रतिशत महिलाओं ने पीरियड के दौरान मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यह अफसोसजनक था कि गांव की औरतें कपड़े का इस्तेमाल करती थीं, क्योंकि उनको पैड्स बहुत ही महंगे पड़ते थे। फिर भोपाल के मैनिट से एमटेक कर चुकीं सीमा वर्मा ने एक पहल शुरू की कि उन्होंने गांव की महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने के बारे में बताया। लेकिन अब इमलिया पहला गांव बन गया है, जहां 90 प्रतिशत महिलाएं मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती हैं। सीमा वर्मा के लिए महिलाओं को इस बात के लिए तैयार करना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने वहां एक-एक महिलाओं को समझाया, उनकी अच्छी तरह से काउंसलिंग की, फिर दो महीने में अपडेट भी लिया, महिलाओं से दिक्क्तें पूछीं, फिर डॉक्टर के पास ले जाकर चेकअप भी करवाया। सालभर तक उन्होंने लगातार ये काम किया, तब जाकर 90 प्रतिशत महिलाएं इसके इस्तेमाल के लिए राजी हुईं। गौरतलब है कि सीमा के पति नौसेना में रहे हैं और उनके पति को स्वच्छता के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला है। उन्होंने अभी कुछ साल पहले ही भोजपुर के पास इमलिया गांव की छोटी लड़कियों और औरतों के साथ पीरियड हाइजीन को लेकर काम शुरू किया। उनकी एक बेटी की एक दोस्त से उन्हें मेंस्ट्रुअल कप के बारे में पता चला और फिर उनको ये आइडिया आया कि हमें इस काम की शुरुआत करनी चाहिए। बता दें कि आज भी देश में 50 प्रतिशत महिलाएं माहवारी के वक़्त कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, ऐसे में अगर इमलिया गांव में यह बदलाव हो रहे हैं, तो यह शानदार बात है।