महाराष्ट्र सरकार ने राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पहला बजट पेश किया है । सरकार ने इस बजट में कामकाजी महिलाओं को पेशेवर कर में राहत देने के साथ संकट में फंसी महिलाओं को आश्रय, कानूनी सहायता और परामर्श प्रदान करने के लिए अपने बजट में ‘शक्ति सदन’ योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत, महाराष्ट्र में 50 नए शक्ति सदनों का भी निर्माण किया जाएगा, जो कि खासतौर पर उन महिलाओं के लिए काम करेगा, जिन्हें यौन शोषण या फिर घरेलू हिंसा से आजाद किया गया है। इन सभी केंद्रों का काम यह होगा कि वह महिलाओं को कानूनी सहायता, चिकित्सा देखभाल के साथ आश्रय से जुड़ा परामर्श प्रदान करेगा। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में से महिला एवं बाल विकास विभाग को 2,843 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने नौकरीपेशा महिलाओं के लिए राज्य में 50 नए छात्रावास बनाने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक तौर पर भी महिलाओं को बल देने की भी घोषणा महाराष्ट्र के बजट में की गई है, जहां राज्य परिवहन महामंडल की बसों में टिकट दरों में महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, बाकी के आर्थिक रियायतों के साथ-साथ महिलाओं के लिए टैक्स में छूट की घोषणा भी कई गई है। इसके तहत, नौकरी करने वाली महिलाओं को 10 हजार रुपए से अधिक मासिक वेतन पर व्यावसायिक कर प्रोफेशनल टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब इस टैक्स की सीमा बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी गई है। फलस्वरूप, 25 हजार मासिक वेतन होने पर अब महिलाओं को व्यावसायिक टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। इस बजट में उन महिलाओं के लिए एक और बड़ी सुविधा दी गई है, जो कि घर खरीदने की योजना बना रही हैं। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि महिलाओं को घर खरीदने पर एक प्रतिशत मुद्रांक शुल्क की सहूलियत दी जाएगी, लेकिन केवल 15 सालों तक पुरुष खरीदार को घर नहीं बेचा जा सकता है। अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के लिए सरकार ने कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 15 जिलों में 3,000 स्वयं सहायता समूहों की स्थापना की भी घोषणा की है और 4 करोड़ महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य की भी जांच ‘माता सुरक्षित तो घर सुरक्षित’ मिशन के तहत की जाएगी।
वाकई, महिलाओं के लिए यह सारी योजनाएं लाभप्रद साबित होगी।
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