साल 2014 में युवा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकीं भारतीय नाविक कात्या कोएल्हो भारत की पहली महिला विंड सर्फर बन गई हैं। जी हां, कात्या कोएल्हो जल्द ही इस साल 23 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच आयोजित एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। चीन के हांग्जो में आयोजित होने वाले एशियाई खेलों में कोएल्हो विंड फाइलिंग कैटेगरी की प्रतियोगी बनी हैं। दिलचस्प यह है कि एशियाई खेलों में विंड फाइलिंग के नए वर्ग को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की तरफ से शामिल किया गया है। खुद भारतीय नाविक कात्या कोएल्हो इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि समुद्र की परी बनने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली है। नाविक कात्या के पिता डोनाल्ड तीन बार राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं। कात्या ने कहा कि बचपन से वह अपने पिता और भाई डेन के साथ लगातार प्रैक्टिस किया करती थीं। पहले वह केवल गर्मी की छुट्टियों में पिता के साथ ट्रेनिंग करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे इस खेल को उन्होंने पूरी तरह से अपना लिया। भारतीय नाविक कात्या कोएल्हो का कहना है कि एशियाई खेलों तक पहुंचने का सफर उनका काफी दिलचस्प और कठिन रहा है। खासतौर पर हवा की गति को संभालना। नाविक कात्या ने यह भी जानकारी दी कि एक बार एशियाई खेलों के दौरान उनकी यूनिवर्सल ज्वाइंट टूट गई थी, जिसकी वजह से वह बोर्ड से गिर गई थी, हालांकि उनका मानना है कि एशियाई खेलों में उनकी भागीदारी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेंगी, जो कि नाविक खेल क्षेत्र में अपना भविष्य देखती हैं।
*Image Credit : katya coelho's instagram