राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरुआत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2011 में परिवारों को आजीविका के लिए रोजगार के माध्यम दर्शाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इस योजना का उद्देश्य नागरिकों की आय में बढ़ोतरी के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना है। अच्छी बात यह है कि इस मिशन के माध्यम से सरकार लगातार गांव की महिलाओं को रोजगार मुहैया करवाने के प्रयास किये हैं। कई सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाये गए हैं और जिसके तहत गांव की 10 से 12 महिलाओं का एक समूह अलग प्रकार के रोजगार कार्यों के लिए 1 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जा रहा है। साथ ही साथ गांव की महिलाओं का ये ग्रुप मिल कर खाने की कैंटीन, फूलों की खेती, मिट्टी के बर्तन बनाने का काम, चॉकलेट बनाने का काम, स्कूल संचालन का काम करने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में पंजाब के पंचकूला में भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं का सेल्फ हेल्प ग्रुप बना कर रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और इससे अच्छा मुनाफा भी कमाया जा रहा है। कई महिलाएं पंचकूला के सेक्टर 1 जिला सचिवालय के बाहर, सेक्टर 20 में महिलाओं द्वारा अपनी रसोई नाम से कैंटीन चलाई जा रही है, जिसमें महिलाओं का एक ग्रुप मिल कर काम करती हैं और आगे भी इसकी संख्या बढ़ाने के बारे में सोचा जा रहा है। वाकई, महिला सशक्तिकरण की यह अनोखी पहल है।