वो ऐसी जगह से ताल्लुक रखती हैं, जहां लड़की के पैदा होने पर खुशी नहीं, बल्कि मातम मनाया जाता है, जहां पढ़ाई तो दूर, लड़कियों के चेहरे से घूँघट तक नहीं सरकता. समाज की कुरीतियों से लड़कर और संघर्ष करके आज वो दुनिया के लिए मिसाल बन गई है. हम बात कर रहे हैं हरियाणा की बेटी गीता फोगाट की, जो पहली भारतीय महिला पहलवान है और जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया. इन सबका श्रेय गीता अपने पैरेंट्स को देती हैं, जिन्होंने बचपन में उसे गुड्डे-गुड्डियों से खेलने की बजाय जी तोड़ मेहनत कर लक्ष्य को हासिल करना सीखाया. गीता ने समाज को दिखा दिया है कि लड़कियों को घूँघट या शॉर्ट स्कर्ट से न आंकें, क्योंकि अगर वह ठान ले तो आसमां भी छू सकती है. और जानने के लिए देखें हर सर्कल के साथ हुई उनकी यह खास बातचीत.