खेती की परंपरा में महिलाओं की भूमिका हमेशा से रही है। हालांकि बीते कुछ समय से महिलाओं ने खेती को आर्थिक मजबूती के तौर पर अपनाया है। कई सारी ऐसी महिलाएं हैं, जो किसान की भूमिका में खुद को आर्थिक बल देने के साथ भारत एक कृषि देश है के महत्व को उजागर भी करते आ रही हैं। साथ ही अपने हुनर से यह सभी महिलाएं प्रेरणादायक भी बन गई हैं। 23 दिसंबर यानी कि आज राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर हम उन महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो प्रेरणादायक महिला किसान बन गई हैं।आइए जानते हैं विस्तार से।
रेमाबाई एस
केरल की रिटायर्ड शिक्षक रेमाबाई ने ड्रेगन फ्रूट की खेती शुरू की और उन्होंने इससे लाखों का बिजनेस शुरू कर लिया है। रेमाबाई हर महीने 500 किलो ड्रैगन फ्रूट की खेती करती हैं। हालांकि खेती करने का विचार उन्हें मां के निधन के बाद अकेलेपन से आया। रेमाबाई ने अपने घर की छत को प्रयोगशाला बनाया और वहीं से खेती की शुरुआत की। रेमाबाई ने अपने घर की छत पर 50 बड़े प्लास्टिक के बैरल में 100 पौधों में ड्रैगन फ्रूट की फसल उगाई। साथ ही उन्होंने आर्गेनिक खाद भी बनाई और ड्रैगन फ्रूट की खेती की।
अनीता नेगी
कुल्लू जिले के बंजार क्षेत्र के तरगाली गांव की अनीता नेगी ने अपने जीवन में खेती को महत्व दिया है। उन्होंने कुछ साल पहले सेब की खेती शुरू की। इसके अलावा प्राकृतिक खेती के जरिए उन्होंने धनिया और मटर के साथ कई फसलें और उगाई। इसके बाद उन्होंने एक कदम आगे बढ़ाते हुए नर्सरी का काम शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने 1500 पौधे लगाए। इसके बाद अपने खेत में लगातार कई सारे हजारों की संख्या में पौधे लगाती गईं। अपने इस नर्सरी से अनीता नेगी साल में 20 लाख तक की कमाई करती हैं। यह जान लें कि प्राकृतिक तरीके से खेती करने का उनका खर्च 5 से 10 हजार के बीच है।
मंजू देवी
मंजू देवी ने लेमन ग्रास की खेती के जरिए कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं। जान लें कि लेमन ग्रास की खेती करने वाली पहली महिला किसान बन गई हैं। मंजू देवी के पति गोविंद प्रसाद को सरकार की लेमन ग्रास खेती की योजना के बारे में पता चला। अपने पति की मदद से उन्होंने इस खेती की पूरी जानकारी ली। इसके बाद मंजू देवी ने अपने खेत के कई एकड़ में लेमन ग्रास की खेती शुरू की। शुरू में लोग लेमन ग्रास की खेती करने को लेकर मंजू देवी को ताने कसते थे। लेकिन अब इसी लेमनग्रास मंजू देवी उन्नत किसान की श्रेणी में शामिल होकर कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। यहां तक कि सीएम नीतीश कुमार भी मंजू देवी के काम से प्रभावित हैं।
जैबुन्निसा
बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के बनरैया गोखुल गांव की जैबुन्निसा ने बैंक से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदा और खेती शुरू की। इतना ही नहीं उन्होंने 10 महिलाओं के साथ मिलकर स्वंय सहायता समूह बनाया और अब तक वह खेती को लेकर 20 से अधिक समूहों का गठन कर चुकी हैं। जैबुन्निसा के प्रयास से उनके गांव की 250 से अधिक महिलाएं खेती कर खुद को आर्थिक तौर पर मजबूती दे रही हैं।
वंध्या चौरसिया
वंध्या चौरसिया ने 4 गमलों से खेती की शुरुआत की और वर्तमान में खेती के क्षेत्र में उनका योगदान सबसे महत्वपूर्ण हो गया है। कड़ी मेहनत और हौसले के दम पर वह वर्तमान में 14 कमरों में खेती कर रही हैं। उन्होंने मशरूम की खेती करने का निर्णय लिया और इसमें सफल भी हुईं। उन्होंने खेती करने के लिए दिल्ली के एक इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग भी ली। हर दिन उनके मशरूम की हजारों की कमाई के साथ ब्रिकी होती है। हर महीने में वह मशरूम को बेच कर लाखों का बिजनेस भी कर रही हैं। साल मं वंध्या तकरीबन 20 से 30 लाख की कमाई करती हैं।