यह एक अच्छी पहल है कि महाराष्ट्र सरकार ने पहल की है विशेष पोषण अभियान की, जिसे ‘राष्ट्र्रीय पोषण माह’ का नाम दिया गया है और इसकी शुरुआत 1 सितंबर से की गई है, जो कि 30 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। सितंबर महीने को पोषण अभियान के रूप में ही समर्पित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत, कुछ नया सिखने-सीखाने के लिए स्वदेशी खिलौनों को बढ़ावा देने की कोशिश होगी। साथ ही आंगनबाड़ियों में लिंग-संवेदनशील वर्षा जल संरक्षण और विकास माप अभियान पर ध्यान केंद्रित करेगा।
महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने गुरुवार यानी 1 सितंबर को लांच हुए पांचवें राज्य स्तरीय 'पोषण माह' कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने को लेकर सकारात्मक है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने गर्भवती महिलाओं, बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं को फलों की टोकरियां और शिशु देखभाल किट भेंट के रूप में दिया।
राज्य महिला एवं बाल कल्याण विभाग के आयुक्त रुबल अग्रवाल ने कहा कि राज्य की सभी 1.10 लाख आंगनबाड़ियों में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक 'पोषण माह' मनाया जाएगा। अग्रवाल ने आगे बताया कि बच्चों का वजन, भोजन, महिला एवं बाल स्वास्थ्य, महीने के हिस्से के रूप में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शिक्षा और ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इस बारे में डब्ल्यूसीडी मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बारे में कहा, खासतौर से महाराष्ट्र सरकार का महीने भर का विशेष पोषण अभियान, राष्ट्रीय पोषण माह, जो गुरुवार को शुरू हुआ है, इसमें सिखने-सिखाने के लिए स्वदेशी खिलौनों को बढ़ावा देने, आंगनवाड़ी में लिंग-संवेदनशील वर्षा जल संरक्षण और विकास माप अभियान पर ध्यान केंद्रित करेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 1 से 30 सितंबर तक पांचवां राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है। इस वर्ष का उद्देश्य ग्राम पंचायतों के माध्यम से पोषण माह को ' पोषण पंचायत' के रूप में 'महिला और स्वास्थ्य' और 'बच्चे और शिक्षा' पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करना है।
इसके साथ-साथ, देश भर से आंगनवाड़ियों के साथ एक बैठक में स्मृति ईरानी ने कहा कि महीने भर चलने वाले आयोजन में कई ऐसी गतिविधियां होंगी, जो महिलाओं और बच्चों की बेहतरी में मदद करेगी, साथ ही इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से या अभियान से, शिविरों और मेलों के माध्यम से जमीनी स्तर पर पोषण के बारे में जागरूकता के लिए देश भर में गहन गतिविधियां होती हुईं नजर जाएंगी। स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने के लिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, छह साल से कम उम्र के बच्चों और युवा लड़कियों पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे और उन्हें ध्यान में रखते हुए ही गतिविधियां होंगी।