जो खुद से पहले दूसरों के लिए सोचते हैं और उनकी बेहतरी के लिए संघर्ष करते हैं, सही मायनों में वे ही असली हीरो होते हैं। फिलहाल उन्हीं में से एक है तमिलनाडु, कोयंबटूर में रहनेवाली 89 वर्षीय एम कमलाथल अम्मा, जिन्हें लोग प्यार से ‘इडली अम्मा’ और ‘पातिमा’ (दादी मां) कहते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति है करुणा की भावना

तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के वडिवेलमपलायम में रहनेवाली 89 वर्षीय कमलाथल अम्मा, पिछले 38 वर्षों से वहां के गरीब और जरूरतमंद मजदूरों को सिर्फ 1 रुपये में इडली बनाकर खिला रही हैं। गौरतलब है कि इडली बेचने की शुरुआत उन्होंने 25 पैसे से की थी, जो समय के साथ पहले 50 पैसे हुआ और 10 साल पहले 1 रुपए हुआ। हालांकि इस दौरान उन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन इडली के मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की। पिछले 38 वर्षों से हर सुबह 6 बजे गरमा-गरम इडली और चटनी के साथ वह अपनी छोटी सी दुकान खोलती हैं। दिलचस्प बात यह है कि अपनी स्वादिष्ट इडली के साथ वे अपनी अलग-अलग चटनी के लिए भी जानी जाती हैं, जो हर दिन अलग होता है। सच पूछिए तो यह सिर्फ उनका खाने के प्रति लगाव नहीं, बल्कि उनकी करुणा की भावना है, जो वह गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति रखती हैं।
साकार हुआ अपने घर का सपना

पिछले 38 वर्षों से अपने बनाए इडली-चटनी से कई लोगों की भूख मिटा रहीं, कमलाथल अम्मा को वर्ष 2019 में सोशल मीडिया के जरिए प्रसिद्धि तब मिली, जब भारत के मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने उनकी कहानी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की। तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में रहनेवाली कमलाथल अम्मा की प्रेरक कहानी के साथ उन्होंने न सिर्फ अम्मा के इस नेक काम में सहयोग करने की बात कही थी, बल्कि उनके लिए मदद का हाथ भी बढ़ाया था। उनके इस सराहनीय प्रयास के बाद कमलाथल अम्मा, ‘इडली अम्मा’ के नाम से मशहूर हो गई थीं। आज ऐसा शायद ही कोई हो जो कमलाथल अम्मा या ‘इडली अम्मा’ को न जानता हो। हालांकि आगे बढ़कर आनंद महिंद्रा ने उन्हें एक घर और एक छोटा-सा रेस्टोरेंट देने का वादा भी किया था, जिसे उन्होंने वर्ष 2022 में ‘मदर्स डे’ के दिन पूरा किया।
कोरोना काल में भी खिलाई 1 रूपये में इडली

गौरतलब है कि 300 वर्ग फुट में बना कमलाथल अम्मा का यह घर 12 लाख रुपये में बना है, जिसे आनंद महिंद्रा ने अम्मा के सलाह-मशविरे से बनाया है। लगभग 4 कमरों के इस घर में एक डाइनिंग रूम, बेडरूम, किचन और गेस्टरूम है, जिसमें वे अपने परिवार के साथ पूरे सुकून से रहती हैं और आज भी जरूरतमंदों को इडली बनाकर बेचती हैं। कमलाथल अम्मा के नेक दिली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब कोरोना काल में लोगों के पास खाने को कुछ भी नहीं था, वह तब भी महंगाई से जूझते हुए 1 रुपये में ही इडली बनाकर बेच रही थीं। हालांकि उस दौरान जब उन्हें इडली-चटनी बनाने के लिए चीजें नहीं मिल रही थी, तब काफी लोगों ने आगे आकर कमलाथल अम्मा की मुश्किलें आसान की थीं, जिससे गरीबों के प्रति उनकी सेवा बिना रुके चलती रहे।
जारी है कमलाथल अम्मा की रसोई
चूल्हे पर इडली बनानेवाली कमलाथल अम्मा फिलहाल अपने घर में चूल्हे की बजाय गैस स्टोव पर इडली बनाती हैं, जिसे कुछ सालों पहले तमिलनाडु सरकार ने उन्हें उपहार स्वरूप दिया था। बिना किसी लालच के नि:स्वार्थ भाव से इतने कम दाम में लोगों का पेट भर रही कमलाथल अम्मा के परिवार में उनके बेटे बहू है, जो उनके साथ ही रहते हैं।